नई दिल्ली: आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन मार्च में 6.5 फीसदी घट गया. कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली उत्पादन में यह रिकार्ड गिरावट आई है.


इससे पिछले वित्त वर्ष इसी महीने यानी मार्च, 2019 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही थी. वहीं इसी साल फरवरी में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन सात फीसदी बढ़ा था.


वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का उत्पादन 5.5 फीसदी घटा. इसी तरह प्राकृतिक गैस का उत्पादन 15.2 फीसदी, रिफाइनरी उत्पादों का 0.5 फीसदी, उर्वरक का 11.9 फीसदी, इस्पात का 13 फीसदी, सीमेंट का 24.7 फीसदी और बिजली का 7.2 फीसदी का नीचे आया.


वहीं मार्च में कोयला उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.1 फीसदी रह गई. एक साल पहले मार्च महीने में कोयला उत्पादन 9.1 फीसदी बढ़ा था.


बीते वित्त 2019-20 में कोयला आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 0.6 फीसदी रही. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.4 फीसदी बढ़ा था.


आठ बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में रिकॉर्ड गिरावट से सकल औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) पर असर पड़ेगा. इन क्षेत्रों का आईआईपी में वेटेज 40.27 फीसदी है.


इक्रा की उपाध्यक्ष अदिति नायर ने कहा ने कहा कि मार्च, 2020 में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट वर्तमान श्रृंखला का सबसे खराब प्रदर्शन है. हालांकि, यह उतना नहीं घटा है, जितनी हमें आशंका थी. किसी एक महीने में बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में इतनी बड़ी गिरावट न तो 2011-12 आधार वर्ष के रहते हुई, न ही 2004-05 के चलते आधार वर्ष में दर्ज हुई थी.


नायर ने कहा कि बुनियादी उद्योगों उत्पादन में गिरावट के आधार पर हमारा अनुमान है कि मार्च, 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की गिरावट आएगी.


उन्होंने कहा कि अप्रैल में पूरे महीने लॉकडाउन रहा है. ऐसे में कई बुनियादी उद्योगों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा. अप्रैल में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में चिंताजनक स्तर की गिरावट आ सकती है.


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