कोरोना वायरस संक्रमण इंश्योरेंस इंडस्ट्री की तस्वीर बदल रहा है. अब जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस का बिजनेस काफी बढ़ गया है. दोनों इंश्योरेंस बिजनेस में सबसे बड़े पोर्टफोलियो बन कर उभरे हैं. घरेलू जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के प्रीमियम में हेल्थ सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ कर 36 फीसदी हो गई है. पिछले साल यह 30 फीसदी थी.


अप्रैल-मई 2021 यह प्रीमियम राशि बढ़ कर 9,122 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल इस अवधि दौरान प्रीमियम था 8,484 करोड़ रुपये. इसके उलट मोटर पोर्टफोलियो यानी वाहन इंश्योंरेंस सेगमेंट की हिस्सेदारी घटी है. पिछले साल जनरल इंश्योरेंस में इसकी हिस्सेदारी 37 फीसदी थी लेकिन इस साल यह घट कर 26 फीसदी हो गई है. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के डेटा के मुताबिक इस अवधि में इसकी प्रीमियम राशि 10,511 करोड़ रुपये थी,  अब घट कर 6753 करोड़ रुपये रह गई है.


सभी कंपनियों को कोरोना रक्षक पॉलिसी लॉन्च करने का आदेश 


इंश्योरेंस सेक्टर के निवेशक इरडा ने सभी 30 जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को कोविड के लिए कोरोना रक्षक के नाम से पॉलिसी लॉन्च करने के लिए कहा है. इसे कंपनियों के लिए अनिवार्य बना दिया गया है.वित्त वर्ष 2019-20 में मोटर इंश्योरेंस बिजनेस 69,208 करोड़ रुपये का प्रीमियम कमाया था. जबकि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम 51,637 करोड़ रुपये. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान लॉकडाउन की वजह से गाड़ियों की बिक्री में 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन जून में हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में जबरदस्त इजाफा देखने के मिला. लोगों की सजगता और कोरोना संक्रमण के बढ़ते जाने से हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस और बढ़ सकता है.


इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस होने के बावजूद कोविड-19 मरीजों को कैशलेस इलाज की फैसिलिटी देने से इनकार करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है.  इरडा ने कहा है कि बीमा कंपनियों के नेटवर्क वाले अस्पतालों ने मरीजों के कैशलेस इलाज से इनकार किया तो एसएलए (सर्विस लेवल एग्रीमेंट) के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी. इरडा को हाल के दिनों में इस बारे में कई शिकायतें मिली हैं.