देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण के दौर से शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम का चलन अभी जल्द खत्म होने वाला नहीं है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने अब इसकी मियाद बढ़ा दी है. देश की कई कंपनियों ने खास कर आईटी और आईटी इनेबल्ड सर्विसेज से जुड़ी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम सितंबर तक बढ़ा दिया है. अब काम करने के तरीकों में बदलाव का असर काम के तरीकों में छुट्टी लेने और देने के तरीकों पर भी पड़ रहा है. कुछ कंपनियों ने अब अनलिमिटेड छुट्टियों का नियम शुरू किया है. यानी अब आप चाहे कितनी भी छुट्टी ले सकते हैं. बशर्तें आपका पूरा हो गया हो. इसका मतलब यह हुआ कि आपको अब सीएल, एनुअल या सिक लेव अप्रूव कराने के लिए मैनेजर की सहमति नहीं चाहिए.

एचआर विशेषज्ञों ने बताया, बेहतरीन आइडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ एचआर एक्सपर्ट्स की नजर में यह काफी अच्छा आइडिया है. हालांकि कुछ एचआर एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि इसका कर्मचारियों पर ज्यादा बोझ पड़ सकता है. उनका कहना है इससे कर्मचारियों पर जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारी डाली जा सकती है. कर्मचारियों के जेहन में यह सवाल आ सकता है कि क्या अनलिमिटेड छुट्टियोंका मतलब अनलिमिटेड रेस्पॉन्सबिलिटी है.

नए वर्क कल्चर की शुरुआत

कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि 'लीव फॉर इनकैशमेंट' के बजाय 'लीव फॉर परपज' ज्यादा बेहतर कदम हो सकता है. उनका कहना है कि कई लोग इस नए कॉन्सेप्ट के प्रति आशंका जता रहे है. हालांकि इसके दुरुपयोग की आशंका कम है. अगर अनलिमिटेड छुट्टियों की सिलसिला शुरू होता है तो यह दफ्तरों में नए वर्क कल्चर की शुरुआत हो सकती है. हो सकता है कि कोरोना काल वर्क फ्रॉम की सुविधा देने वाले ज्यादातर दफ्तर छुट्टियां देने के इस तौर-तरीके को अपना लें.

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