(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोरोना का असर: बैंकों में घट सकते हैं कामकाज के घंटे, आईबीए ने रखी मांग
बैंक डिपोजिट करने, कैश विड्रॉल, ट्रांसफर और सरकारी बिजनेस की चार अनिवार्य सेवाएं देते रहेंगे.लेकिन काम सिर्फ सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक सीमित किया जा सकता है.
बैंकों में अब सिर्फ सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक ही कामकाज हो सकता है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचने के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सलाह दी है कि बैंक अपने कामकाज के घंटे सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच सीमित कर दें. इंडियन बैंक एसोसिएशन ने 21 अप्रैल को राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (SLBC) के संयोजकों को लिखे पत्र में कहा, "हम इस समय चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं, हर रोज कई राज्यों में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. ये आर्थिक गतिविधियों के लिए चिंताजनक स्थिति है. लेकिन बैंक कर्मचारियों और इसके ग्राहकों के स्वास्थ्य की चिंता करनी होगी.
अलग-अलग राज्यों में बैंकों को प्रोटोकॉल का पालन कर पड़ सकता है
एसोसिएशन ने 21 अप्रैल को स्पेशल मैनेजमेंट कमेटी की बैठक की थी. इसमें पिछले साल जारी किए गए एसओपी में बताए नियमों के अलावा बैंकों की ओर से उठाए जाने वाले कुछ अतिरिक्त कदमों के बारे में सलाह जारी करने का फैसला किया गया. पिछले साल के उलट, राज्य अब स्थानीय स्थिति के आधार पर कोविड-19 की चेन को तोड़ने के लिए अपने दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं. बैंकों को अलग-अलग राज्यों और जिलों में विभिन्न कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ सकता है.
अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी
चिट्ठी मुताबिक बैंक डिपोजिट करने, कैश विड्रॉल, ट्रांसफर और सरकारी बिजनेस की चार अनिवार्य सेवाएं देते रहेंगे. हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के एसएलबीसी अपने-अपने स्थानों पर स्थिति की समीक्षा करेंगे और मौजूदा सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त सेवाओं के बारे में फैसला करेंगे. कर्मचारियों को रोटेशनल आधार पर बुलाया जा सकता है या घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है. ये फैसला जॉब, कर्मचारियों की स्थिति और बैंक के आकार के आधार लिया जा सकता है. आदर्श रूप से 50 फीसदी कर्मचारियों को ब्रांच में ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है. पत्र में कहा गया कि डोरस्टेप बैंकिंग गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
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