कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है. बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां चली गई हैं और उनकी आय घट गई है. आर्थिक अनिश्चितता काफी बढ़ गई है. लिहाजा लोगों ने खर्च करने में सावधानी बरतना शुरू कर दिया है. एक सर्वे में दस में से नौ लोगों ने आर्थिक अनिश्चितता को लेकर चिंता व्यक्त की है.ब्रिटेन के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के ग्लोबल सर्वे से पता चला है कि 90 फीसदी भारतीयों को इस महामारी ने खर्च को लेकर सतर्क कर दिया है.


खर्च नहीं बढ़ाना चाहते भारतीय 


सर्वे के में हिस्सा लेने वाले 76 फीसदी भारतीय यह मानते हैं कि महामारी ने उन्हें अपने खर्चों के बारे में सोचने को मजबूर किया है. वहीं, वैश्विक स्तर पर ऐसा सोचने वाले लोगों की संख्या 62 फीसदी है.  जिन लोगों के बीच सर्वे किया गया उनमें से 80 फीसदी  या तो बजट बनाने वाले साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं या ऐसे उपाय कर रहे हैं जिनसे एक सीमा के बाद उनके कार्ड से खर्च पर रोक लग जाए. सर्वे के अनुसार, भारतीय अपना खर्च डिजिटल तरीके से अधिक करना चाहते हैं. 78 फीसदी भारतीयों ने वे 'ऑनलाइन' खरीदारी पसंद करेंगे जबकि वैश्विक औसत लगभग 75 फीसदी है.


छुट्टी और ट्रैवल पर खर्च में कटौती की 


सर्वे में 64 फीसदी भारतीयों ने कहा कि उन्होंने महामारी से पहले की तुलना में ट्रैवल और छुट्टियों के खर्चे में कटौती की है. ग्लोबल लेवल पर यह 64 फीसदी है. 56 फीसदी भारतीयों ने कहा कि उन्होंने कपड़ों पर कम खर्च किया. वहीं ग्लोबल पर यह 56 फीसदी है. सर्वे के अनुसार, भारत में यह ट्रेंड अभी बरकरार रहेगा. 41 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वे ट्रैवल और छुट्टियों पर कम खर्च करेंगे.


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