कोरोना की मार से उबरी नहीं हैं कंपनियां, सिर्फ 30 फीसदी ने हासिल की 70 फीसदी क्षमता
सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से इकनॉमी को निकालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. लेकिन इसका असर बहुत कम दिखा है.
लॉकडाउन के बाद औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ी है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. एक ताजा सर्वे के मुताबिक लगभग 30 फीसदी कंपनियां अपनी क्षमता के 70 फीसदी से ज्यादा रफ्तार पर काम कर रही हैं. हालांकि अभी भी 45 फीसदी कंपनियों का कहना है कि उन्हें अपनी क्षमता का 70 फीसदी इस्तेमाल करने में अभी वक्त लगेगा.
सिर्फ 22 फीसदी कंपनियों के निर्यात में इजाफा
उद्योग संगठन फिक्की और ध्रुव के सर्वे के मुताबिक कंपनियों के निर्यात, कैश फ्लो और सप्लाई चेन की स्थिति भी सुधरी है. 100 कंपनियों के चीफ से बातचीत पर आधारित इस सर्वे के मुताबिक जून में 22 फीसदी कंपनियों के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई. जबकि एक चौथाई ने कहा कि लॉकडाउन के बाद से उनके ऑर्डर में बढ़ोतरी हुई है. 30 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उनकी सप्लाई चेन में सुधार दिख रहा है.
यह सर्वे अप्रैल में भी किया गया था, उस दौरान सिर्फ पांच फीसदी कंपनियों ने ही निर्यात बढ़ने की बात कही थी, जबकि सात फीसदी ने ऑर्डर बुक और 10 फीसदी कैश फ्लो में सुधार की बात की कही थी. मौजूदा सर्वे में ऑनलॉकिंग के दौरान कॉस्ट मैनजमेंट, 59 फीसदी ने कमजोर मांग और 57 फीसदी ने कैश संकट को सबसे बड़ी चुनौती करार दिया.
सरकार के राहत पैकेज का असर बहुत कम
सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण से इकनॉमी को निकालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. लेकिन इसका असर बहुत कम दिखा है. सरकार का राहत पैकेज बहुत धीमी गति से असर दिखा रहा है. सर्वे के मुताबिक सिर्फ पांच में से एक कंपनी इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का फायदा ले रही है. सर्वे में जिन कंपनियों की राय ली गई थी उनमें से सिर्फ एक चौथाई ने कहा बैंकों की ब्याज दर में कोई कमी आई है. जहां तक इनकम टैक्स रिफंड का मामला है तो सिर्फ 36 फीसदी ने कहा कि उन्हें रिफंड आने शुरू हो गए हैं.