मौजूदा साल के दौरान भारतीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का औसतन वेतन सिर्फ 3.6 फीसदी बढ़ाया है. जबकि पिछले साल ( 2019) में इसमें 8.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. इस साल सिर्फ 40 फीसदी कंपनियों ने ही कर्मचारियों की वेतन में इजाफा किया है.डेलायट टच के एक सर्वे में कहा गया है कि एक तिहाई कंपनियों ने फैसला किया है कि इस साल वे वेतन नहीं बढ़ाएंगीं. 27 फीसदी ने अभी यह तय नहीं किया है कि वे क्या करेंगीं.
अब तक की न्यूनतम वेतन वृद्धि
दरअसल, जिन कंपनियों ने मार्च में ही वेतन बढ़ोतरी कर दी थी, उनकी वेतन बढ़ोतरी उन कंपनियों से ज्यादा रही, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान बढ़ोतरी की घोषणा की थी. कंपनियों का मानना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के असर की वजह से उनके रेवेन्यू में 20 फीसदी की कमी आएगी. ऐसी कंपनियों ने वेतन में कम इजाफा किया है.डेलायट का कहना है कि यह अब तक सबसे कम वेतन वृद्धि है.
मुट्ठी भर कंपनियों ने बढ़ाया लोअर मैनेजमेंट का वेतन
मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज कंपनियों में न्यूनतम वेतन वृद्धि हुई है. दूसरी ओर लाइफ साइंस आईटी, आईटीईएस से जुड़ी कंपनियों ने बेहतर वृद्धि दी है. इन सेक्टर की कंपनियों में वेतन कटौती के मामले भी कम हुए हैं. कई कंपनियों में टॉप और सीनियर मैनेजमेंट में वेतन कटौती हुई है. लीडरशिप लेवल पर वेतन में 22.5 फीसदी की कटौती हुई है. बहुत कम कंपनियों ने लोअर मैनेजमेंट से जुड़े कर्मचारियों को वेतन वृद्धि दी है
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