कोरोना से हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों की तादाद बढ़ी, प्रीमियम की आय में 31 फीसदी का इजाफा
कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के लिए लोगों की ओर से ज्यादा से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की वजह से रिटेल लेवल पर जुलाई में प्रीमियम आय बढ़ कर 7,124 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
इंश्योरेंस कंपनियों का हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टफोलियो लगातार बढ़ता जा रहा है. कोविड-19 की वजह से इंश्योरेंस कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम आय में इजाफा दर्ज किया गया है. इससे पहले हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम आय कभी इतना नहीं बढ़ा थी. कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए लोगों की ओर से ज्यादा से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की वजह से रिटेल लेवल पर जुलाई में प्रीमियम आय बढ़ कर 7,124 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. वहीं पिछले साल जुलाई में यह 5,667 करोड़ रुपये थी. पिछले साल की तुलना में अब तक इसमें 31 फीसदी (रिटेल) का इजाफा हो चुका है.
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की से जारी इस आंकड़े में इजाफे की वजह लोगों का ज्यादा से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना है. रिटेल और ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट को मिलाकर प्रीमियम आय 10.4 फीसदी का इजाफा हुआ है. जुलाई 2020 में यह बढ़ कर 18,415 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. जबकि पिछले साल जुलाई में यह16,674 करोड़ रुपये थी.
कोरोना कवच को काफी अच्छा रेस्पॉन्स
कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ने की वजह कोरोना कवच इंश्योरेंस को काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. लॉन्च होने के 20 दिन के भीतर यानी 10 जुलाई से 31 जुलाई तक साढ़े चार लाख लोग कोरोना कवच इंश्योरेंस के तहत कवर किए जा चुके थे. इरडा के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक 14 अगस्त तक कोविड से जुड़े क्लेम बढ़ कर 1,15,000 पर पहुंच चुके थे. इसकी कुल वैल्यू 1800 करोड़ रुपये की थी. कोरोना कवच 10 जुलाई को लॉन्च किया गया था. जनरल और हेल्थ इंश्योेरेंस कंपनियां दोनोंं कोरोना कवच इंश्योरेंस बेच रही हैं. कोरोना वारयस संक्रमण के इलाज के लिए यह स्टैंडर्ड पॉलिसी है. हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने इलाज की लागत पर कैप लगाने की मांग की है. इंश्योरेंस कंपनियों ने कहा है कि अगर अस्पताल में कोरोना के इलाज की लागत पर कैप नहीं लगाती हैं तो इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम बढ़ाना पड़ सकता है.
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