कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए मोदी सरकार ने आज एक बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया. पैकेज में छोटे उद्योगों और उद्यमियों के लिए लोन की सुविधा देने और स्वास्थ्य का बेहतर ढांचा तैयार करने के लिए पैसा मुहैया कराने के साथ साथ पर्यटन क्षेत्र के लिए राहत भी शामिल है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सरकार की ओर से बहुप्रतीक्षित राहत पैकेज का ऐलान किया. कोरोना की दूसरी लहर और लॉक डाउन के बाद इस पैकेज की उम्मीद कई दिनों से लगाई जा रही थी. पैकेज में पर्यटन क्षेत्र के लिए दो बड़ी घोषणाएं की गईं हैं.
पूरे देश में फैले टूरिस्ट गाइडों के लिए लोन की सुविधा देने का ऐलान किया गया है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों से मान्यता पाए क़रीब 10700 टूरिस्ट गाइडों के लिए एक लाख रुपए तक का ऋण देने का प्रावधान है. वहीं मान्यता प्राप्त क़रीब 900 ट्रेवल एंड टुरिज्म स्टेकहोल्डर (TTS ) के लिए भी 10 लाख रुपए तक के लोन का प्रावधान किया गया है.
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फ़ैसला ये भी किया गया है कि सामान्य यातायात बहाल होने के बाद भारत आने वाले पहले 5 लाख विदेशी पर्यटकों और यात्रियों को मुफ़्त वीजा दिया जाएगा. प्रति पर्यटक केवल एक बार ये सुविधा दी जाएगी और इस पूरे स्किम पर क़रीब 100 करोड़ रुपए का ख़र्च आएगा.
वहीं कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा को तैयार करने के लिए 23,220 करोड़ रुपए ख़र्च करने की घोषणा की गई. इस पैसे का इस्तेमाल 8 महानगरों को छोड़कर अन्य इलाकों के लिए किया जाएगा. ख़ास बात ये है कि इस पैकेज का मुख्य फोकस बच्चों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना है क्योंकि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. इनमें अस्पताल के बेड , आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढाना शामिल है.
इसके अलावा उद्योगों के लिए Emergency Credit Line Guarantee का विस्तार करते हुए उसमें 1.5 लाख करोड़ की बढोत्तरी की गई है. छोटे उद्योगों और उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए Credit Guarantee Scheme नाम से एक नई योजना शुरू की गई है. योजना का लक्ष्य 25 लाख लोगों को प्रति व्यक्ति 1.25 लाख रुपए तक का लोन देना है.
इसी तरह कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था के अलग अलग क्षेत्रों के लिए 1.10 लाख करोड़ के लोन गारंटी स्किम का भी ऐलान किया गया. इसमें 50,000 करोड़ रुपए की राहत स्वास्थ्य सेक्टर के लिए जबकि 60,000 करोड़ रुपए की राहत दूसरे अन्य सेक्टरों के लिए घोषित की गई है.
पहले से जारी दो अन्य स्कीमों को 31 मार्च 2022 तक बढाने का भी ऐलान किया गया है. इसमें आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना भी शामिल है. इसके तहत नियोक्ता और कर्मचारी के ईपीएफ योगदान का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा. योजना का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है जिनकी तनख़्वाह 15000 रुपए प्रति महीने से कम हो. इसके साथ ही Emergency Credit Line Guarantee स्किम के लिए अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपए तक का प्रावधान किया गया है और अब ये योजना 4.5 लाख करोड़ की हो गई है. योजना के तहत छोटे और मझौले उद्योगों को लोन दिए जाने का प्रावधान है.