नई दिल्लीः कोरोना वायरस के बढ़ते कहर का असर आर्थिक बाजार पर लगातार पड़ रहा है. जहां दुनियाभर के शेयर बाजार बुरी तरह टूट रहे हैं और घरेलू स्टॉक मार्केट भी इसके टलते लगातार नुकसान दिखा रहा है. इसके अलावा अब रिटेल मार्केट पर भी कोरोना वायरस का असर देखा जा रहा है. भारत सहित कई देशों में लोगों के खरीदारी पैटर्न में बदलाव आ रहा है.


बता दें कि कोरोना वायरस के खतरे के चलते कई राज्यों में मॉल, सिनेमाघर, पब, जिम, मल्टीपलेक्स आदि बंद हैं. इसका सबसे ज्यादा असर दुकानों पर पड़ रहा है. लोग घरों से कम निकल रहे हैं और खरीदारी के लिए भी उत्साह कम होता जा रहा है.


ई-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ी बिक्री
कोरोना वायरस के खतरे के चलते ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री बढ़ रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 दिनों में ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री में करीब 30 फीसदी का उछाल देखा गया है क्योंकि लोग अब दुकानों पर खुद जाकर खरीदारी करने की बजाए ऑनलाइन सामान मंगाना पंसद कर रहे हैं.


मॉल में कम भीड़
जिन राज्यों में मॉल खुले हुए हैं वहां भी ऐसी जगहों पर भीड़ बेहद कम हो रही है. लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से रोकने के लिए सरकारों द्वारा की जा रही अपील का असर दिख रहा है.


बाहर से खाने मंगवाने के ट्रेंड में आई कमी
इस महामारी के असर के चलते लोगों ने बाहर से खाना मंगवाना भी कम कर दिया है और रेस्टोरेंट्स-ढाबों में लोग कम आ रहे हैं. ऑनलाइन खाना मंगवाने वाले ज्यादातर लोग भी अब घर में ही खाना पसंद कर रहे हैं.


चिकन-नॉनवेज के दामों में आई कमी
हालांकि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि चिकन-नॉनवेज से कोरोना वायरस फैलता है लेकिन लोगों में घबराहट है और वो चिकन-नॉनवेज आइटम्स के सेवन में कमी कर रहे हैं. चिकन की कीमत में भारी गिरावट आ गई है और ये इतने कम दाम पर बिक रहे हैं जो पहले शायद कभी नहीं देखा गया.


लोग कर रहे हैं खाने-पीने के सामान का स्टॉक
लोग ग्रॉसरी आइटम्स का जमकर स्टॉक कर रहे हैं और कई महीनों के रसोई के सामान को जमा कर रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले समय में खाने-पीने के सामान की भी कमी हो सकती है लिहाजा लोग पहले से तैयारी कर रहे हैं. सप्लाई पर असर पड़ने के चलते खाने-पीने के सामान की कमी हो सकती है, ऐसा माना जा रहा है.


एप बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर्स पर भी पड़ा असर
दरअसल देश में कई ऑफिसेज में घर से काम का ट्रेंड इस समय कोरोना वायरस के चलते देखा जा रहा है तो ट्रैवल करने वाले लोगों में भी कमी आ रही है. इसके अलावा ओला-ऊबर जैसे कैब सर्विसेज पर भी असर देखा जा रहा है क्योंकि लोग इनमें सफर करने से डर रहे हैं. इनमें किन लोगों ने सफर किया है और वो बीमारी से ग्रसित तो नहीं है, इस डर के कारण लोग कैब सर्विसेज में भी कम सफर कर रहे हैं.


कुल मिलाकर लोग घरों से बेहद जरूरत होने पर ही निकल रहे हैं और ज्यादा जरूरी न होने पर खरीदारी भी नहीं कर रहे हैं. इसका असर बाजारों पर पड़ रहा है. कुछ क्षेत्रों में मांग घट गई है तो कई क्षेत्रों में मांग बेतहाशा बढ़ गई है जैसे रूमाल, हैंड सेनिटाइजर, मास्क, टोपी आदि की बिक्री बढ़ती जा रही है.