Coronavirus: कई देशों ने किया राहत पैकेज का एलान, जानिए कौन-कौन से देश महामारी से लड़ने के लिए आगे आए
कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे देशों ने इसके लिए राहत फंड बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए बड़ी राशि देने का एलान किया है.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस की दहशत ने विश्व को अपने चपेट में ले रखा है. कई देशों में स्थिति भयावह हो चुकी है. भारत में भी इससे अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है और कुछ देशों में इसे राष्ट्रीय आपदा भी घोषित किया जा चुका है. इस भयानक स्थिति को देखते हुए कई देशों ने इसके लिए आर्थिक कोष यानी फंड बनाया है जिससे इस महामारी से लड़ा जा सके और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर छा रहे मंदी के असर को कम किया जा सके.
इस महामारी से लड़ने के लिए कई देशों ने अपने आर्थिक मोर्चे पर कई ऐसे फैसले भी लिए हैं जिससे इसके खिलाफ लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके. अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 1 फीसदी की कटौती की है और अपनी अर्थव्यवस्था में 700 अरब डॉलर डालने का भी फैसला लिया है. इससे पहले 3 मार्च को भी फेड ने बेंचमार्क ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती की थी और इस तरह फेड इसी महीने में 1.5 फीसदी की कटौती बेंचमार्क ब्याज दरों में कर चुका है.
किन-किन देशों ने फंड देने का एलान किया अब तक करीब 20-22 देशों और संगठनों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फंड देने का एलान किया है और इसमें संयुक्त राष्ट्र भी शामिल है. विश्व की महाशक्ति अमेरिका ने 8.3 अरब डॉलर का फंड जारी किया है और कनाडा ने 8.5 अरब डॉलर का फंड जारी करने का एलान किया है. अब तक सबसे ज्यादा धनराशि का एलान ब्रिटेन ने इस मद में किया है और इसने 36.8 अरब डॉलर का राहत पैकेज या फंड दिया है.
इटली ने 28 अरब डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात ने 27.2 अरब डॉलर का फंड बनाया है जिसके जरिए इस महामारी से लड़ा जा सके. जापान ने 19.6 और ऑस्ट्रेलिया ने 17.6 अरब डॉलर का फंड इसके लिए घोषित किया है और सऊदी अरब ने 13.3 अरब डॉलर का राहत पैकेज देने के लिए कहा है.
एशियाई देश थाईलैंड ने इसके लिए 12.7 अरब डॉलर, विश्व बैंक ने 12 अरब डॉलर और स्विटजरलैंड ने 10.5 अरब डॉलर के राहत फंड की घोषणा की है. वहीं दक्षिण कोरिया ने भी इसके लिए फंड का एलान किया है जो कि 9.8 अरब डॉलर है. इसके अलावा भी कई और देश हैं जिन्होंने इस महामारी से लड़ने के लिए फंड देने का एलान किया है.
भारत की ओर से लिए गए कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के लिए बड़ी पहल करते हुए रविवार को कहा था कि मैं COVID-19 इमरजेंसी फंड का प्रस्ताव करता हूं. यह स्वैच्छिक योगदान पर आधारित होगा और भारत इस कोष के लिये 1 करोड़ डॉलर की प्रारंभिक पेशकश से शुरूआत कर सकता है.
भारत में अभी इसको लेकर केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किसी तरह के एलान नहीं किए हैं लेकिन कल आरबीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि वो स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और अगर जरूरी हुआ तो देश में ब्याज दरों को कम करने जैसे फैसले भी समय से पहले लिए जा सकते हैं. दरअसल आरबीआई एमपीसी में ही दरें घटाने या बढ़ाने का फैसला लेता है लेकिन कल शक्तिकांता दास ने इस बात से इंकार नहीं किया कि अगर जरूरत पड़ी तो इससे पहले भी दरों पर निर्णय लिया जा सकता है.