जिनेवा: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से वैश्विक व्यापार में 2020 में एक तिहाई तक की गिरावट आने की आशंका है. संगठन ने कहा कि आंकड़े भयावह होंगे. डब्ल्यूटीओ ने एक बयान में कहा, ‘‘विश्व व्यापार में 2020 में 13 प्रतिशत से 32 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है. इसका कारण कोरोना वायरस महामारी के कारण सामान्य आर्थिक गतिविधियां तथा जीवन बुरी तरीके से प्रभावित होना है.’’ बयान के अनुसार इसकी व्यापक आशंका है कि ‘अप्रत्याशित’ स्वास्थ्य संकट से किस प्रकार व्यापार प्रभावित होगा.


इस बीच, डब्ल्यूटीओ प्रमुख रोबर्टों ऐजेवेदो ने बुधवार को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भीषण वैश्विक मंदी की चपेट में आ सकती है. डब्ल्यूटीओ ने अपने मुख्य सालाना अनुमान में कहा है कि नोवल कोरोना वायरस से बहुत पहले 2019 में ही व्यापार धीमा पड़ने लगा था.


लेकिन अब इस वायरस से दुनिया में 14 लाख लोग संक्रमित हैं जबकि 80,000 लोगों की मौत हुई है. इसको देखते हुए विभिन्न देशों की सरकारों ने ‘लॉकडाउन’ (बंद) जैसे बड़े कदम उठाए. दुनिया भर में आधे से अधिक लोगों को घरों में रहने को कहा गया है और आर्थिक गतिविधियां कई स्थानों पर लगभग थम सी गयी है.


डब्ल्यूटीओ ने कहा कि व्यापार तनाव और ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितताओं से पहले से ही प्रभावित था. अब इसमें दुनिया के लगभग सभी क्षेत्रों में इस साल दहाई अंक में गिरावट की आशंका है.


एजेवेदो ने बयान में कहा, ‘‘सबसे पहला और महत्वपूर्ण संकट स्वास्थ्य का है. इसके करण सरकारों ने लोगों के जीवन को बचाने के लिये अप्रत्याशित उपाय किये हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार और उत्पादन में गिरावट से घरों और कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. यह सब बीमारी के कारण लोगों के प्रभावित होने के अलावा है.’’


गौरतलब है कि मौजूदा संकट से पहले व्यापार तनाव और अनिश्चितताओं और धमी पड़ती आर्थिक वृद्धि की वजह से वैश्विक वस्तु व्यापार पर असर पड़ा. इसकी वजह से इसमें 2019 में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई. जबकि एक साल पहले इसमें 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. डब्ल्यूटीओ ने कहा कि वैश्विक वस्तु निर्यात का मूल्य डॉलर में तीन प्रतिशत घटकर 18,890 अरब डॉलर रहा.


वाणिज्य सेवा व्यापार पिछले साल अपेक्षाकृत कुछ बेहतर रहा. यह 2 प्रतिशत बढ़कर 6030 अरब डॉलर रहा लेकिन 2018 के मुकाबले वृद्धि धीमी रही. उस साल इसमें 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. लेकिन चीन में पिछले साल के अंत में कोरोना वायरस का पहला मामला आने के बाद से स्थिति नाटकीय रूप से बदली है. डब्ल्यूटीओ ने कहा कि वैश्विक झटकों की तुलना 20008-09 के वित्तीय संकट से की जा सकती है लेकिन स्थिति उससे कही अधिक खराब है.


बयान में कहा गया है, ‘‘लोगों की आवाजाही पर रोक, सामाजिक दूरी से बीमारी का फैलाव कम होगा लेकिन इसका यह भी मतलब है कि श्रम की आपूर्ति, परिवहन और यात्रा आज सीधे प्रभावित हैं. वित्तीय संकट के दौरान ऐसा नहीं था.’’


कोरोना वायरस के चलते 19.5 करोड़ नौकरियों के खत्म होने की संभावना- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन