RBI की EMI को लेकर दी तीन महीने वाली राहत, पर ग्राहकों को बैंक से आ रहे हैं सफिशिएंट बैलेंस रखने के मैसेज
आरबीआई ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि वो ग्राहकों से तीन महीने के लिए ईएमआई को लेने के लिए टाल दें. लेकिन बैंक की तरफ से कस्टमर्स को बैंक खाते में पर्याप्त पैसा रखने के मैसेज आ रहे हैं.
मुंबई: कोरोना संक्रमण से पूरा देश लड़ रहा है. कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन घोषित किया है. इस दौरान आम लोगों को राहत देने के लिए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के लोगो को बड़ी राहत देते हुए तीन महीने तक लोन को क़िस्त चुकाने से राहत दी हैं. RBI ने 27 मार्च को जारी किए निर्देश में साफ लिखा है कि बैंक ग्राहकों से 3 महीने तक EMI ना लें जब तक लोन धारक खुद से लोन ना चुकाना चाहे.
मार्च महीना खत्म हो चुका है और आज अप्रैल महीने की पहली तारीख है. घर कर्ज, वाहन कर्ज, शिक्षा कर्ज , निजी लोन लिए हुए लोन धारकों की EMI पहले हफ्ते में कट जाएगी. इस बीच लोन लिए हुए लोगों को बैंक की तरफ से मैसेज आने शुरू हो गए कि अपने बैंक खाते में पर्याप्त पैसा रखे क्यों कि आपकी EMI की तारीख निकट आ रही है. साथ मे यह भी मेसेज आ रहें हैं कि EMI बाउंस होने की दशा में बाउंस चार्ज भी बैंक लेगा वो भी GST के साथ.
फोन पर इस संदेश को पढ़कर जब ग्राहक बैंक में फोन कर रहे हैं तो बैंक का जवाब लोगो को असमंजस में डाल रहा है. बैंक कर्मचारी से जवाब मिल रहा है की EMI आपको देना है तो दें या ना दें. लेकिन ग्राहकों के सामने यह असमंजस है कि अगर EMI तीन महीने के लिए टल गई है तो बैंक का मैसेज क्यों ? और अगर यह मैसेज ऑटोमेटिक है तो क्या बैंक बैलेंस रहने पर EMI अपने आप अकाउंट से कट तो नहीं जाएगी ?
आर्थिक विश्लेषक पंकज जायसवाल का कहना है कि, ''RBI की नोटिफिकेशन और केंद्र सरकार ने साफ किया है कि आम लोगो को पूरी राहत दी जाए और सरकार की इस मंशा को बैंक और NBFC को समझना चाहिए. रिजर्व बैंक ने अपने नोटिफिकेशन में इंस्ट्रक्शन शब्द का इस्तेमाल किया है, मतलब रिजर्व बैंक का यह स्पष्ट आदेश है और बैंकों पर बाध्यकारी है.
अगर बैंक ने अपने सिस्टम में SMS ना भेजें जाए इसके लिए आवश्यक बदलाव नहीं किये हैं तो इस विश्व्यापी पैनिक स्थिति में तो आम आदमी का डर है कि बैंक और NBFC अपने ECS सिस्टम में भी कोई बदलाव नहीं किये होंगे और ऐसे मुश्किल क्षण में जब सरकार भी चाहती है कि आम आदमी के पास पैसा रहे तो बैंक महाजन की तरह बर्ताव क्यों कर रहें हैं.
रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई यह व्यवस्था ऑटोमेटिक है जिसे नहीं लेना है वह अपना विकल्प बताएगा, यहां तो बैंक EMI के लिए मेसेज भेज रही है और CC खातों में तो 31 मार्च को ब्याज भी कलेक्ट कर लिया है, जिसका आशय साफ है कि बैंक और NBFC कोरोना के इस संकट में सरकार और रिजर्व की बात नहीं मान रहें हैं यह एक तरह से राजद्रोह है.''
Coronavirus: कोरोना संकट को भुनाने में लगे सायबर ठग, पीएम राहत कोष के नाम पर भी धोखाधड़ी की कोशिश