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दुनिया को 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी का सामना करना है- गीता गोपीनाथन
कोरोना वायरस ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को भयंकर नुकसान का पहुंचाया है.अगले दो बरसों में GDP में नौ खरब डॉलर कमी की IMF ने आशंका जताई है.
![दुनिया को 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी का सामना करना है- गीता गोपीनाथन Corornavirus effect: World economy is in great depression after 1930-IMF दुनिया को 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी का सामना करना है- गीता गोपीनाथन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/16184912/geeta-gopinathan.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को बड़े नुकसान की आशंका जताई है. IMF का कहना कि 1930 की महामंदी के बाद दुनिया भयानक संकट में है. अगर महामारी लंबी चली तो सरकारों और केंद्रीय बैंकों के लिए संकट पर काबू पाना बड़ी चुनौती साबित होगा.
कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया को ऐसे हालत में पहुंचा दिया है जिसका सामना दुनिया को पहले कभी नहीं करना पड़ा. IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन का मानना है कि पैदा हुए संकट से अगले दो बरसों में दुनिया की GDP में नौ खरब डॉलर की कमी आ सकती है. IMF की हालिया रिपोर्ट वैश्विक अर्थव्यवस्था आउटलुक में ब्रिटेन, जर्मनी, जापान महामारी के खिलाफ उठाए कदमों की प्रशंसा की है. मगर रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कोई भी मुल्क इस संकट से नहीं बच सकेगा.
गीता गोपीनाथन का कहना है कि अगर 2020 के जून में महामारी कम हो जाती है तो अगले साल वैश्विक सतह पर आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होकर 5.8 फीसद हो जाएगी. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जनवरी 2021 में आंशिक तौर पर विकास की रफ्तार पकड़ सकती है. मगर GDP पूर्व के अनुमान से नीचे रहेगी. जिसे संभलने में अविश्वास की कैफियत देखी जाएगी.
गीता गोपीनाथन ने बताया कि 1930 की महामंदी के बाद पहली बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्था के मंदी में आने की आशंका पैदा हो गई है. उन्होंने ये भी बताया कि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में विकास की रफ्तार 2022 से पहले तक पटरी पर नहीं जा सकेंगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास में 5.9 फीसद की कमी होगी. जबकि 1946 के बाद से अबतक ये सबसे बड़ी सालाना गिरावट दर्ज होगी.
इसके अलावा अमेरिका में अगले साल बेरोजगारी की दर 10.4 फीसद हो जाएगी. गीता गोपीनाथन ने कहा कि वायरस के फैलाव को धीमा करने के लिए आगे बढ़कर कदम उठाने की जरूरत है. जिससे स्वास्थ्य सुविधा की मजबूती के साथ आर्थिक गतिविधियां जल्द से जल्द शुरू हो सकें. IMF ने महामारी से निपटने के लिए चार प्रस्तावों पर अमल करने का सुझाव दिया है. स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अतिरिक्त रकम, मजदूरों, कारोबारियों के लिए आर्थिक मदद, केंद्रीय बैंक की हिमायत को जारी रखना और पटरी पर आने के उपाय शामिल हैं.
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