नयी दिल्ली: स्विगी और जोमैटो के बाद अब ऑनलाइन कैब बुकिंग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी की बारी है. ओला ने 1400 कर्मचारियों को हटाने का एलान किया है. कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते उसे जबरदस्त कारोबारी नुकसान उठाना पड़ा है.
ओला 1400 कर्मचारियों को हटाएगी
ओला के सीईओ भावेश अग्रवाल ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो महीनों में उसे जबरदस्त घाटा सहना पड़ा है. सवारी, वित्तीय सेवाओं और खाद्य कारोबार से कंपनी की आमदनी 95 प्रतिशत घटी है. ऐसी परिस्थिति में कंपनी अपने 1,400 कर्मचारियों को निकाल रही है. कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में अग्रवाल ने साफ किया कि व्यापार का भविष्य ‘बेहद अस्पष्ट और अनिश्चित’ है. अग्रवाल के मुताबिक महामारी संकट का असर लंबे समय तक रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘खासतौर से हमारे उद्योग के लिए वायरस का असर बहुत खराब रहा है. पिछले दो महीनों में हमारी कमाई में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है."
कोरोना संकट ने घटाई 95 फीसद आमदनी
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से सबसे बड़ा नुकसान कंपी लाखों ड्राइवर और उनके परिवार की आजीविका पर पड़ा है. इसलिए उनकी कंपनी ने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि इससे पहले भी घर पर खाना डिलीवरी करनेवाली कंपनी स्विगी और जोमैटो अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती का एलान कर चुकी हैं. कोरोना संकट के कारण बंद हुई ओला की सेवाएं मंगलवार से चालू हो गई हैं. फिलहाल देश के 160 जगहों पर लोग कैब सर्विस की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
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