Corporate Bond Fund: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से इन म्यूचुअल फंडों में बढ़ने लगा निवेश
Corporate Bond Mutual Fund: कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ज्यादा रिटर्न देने के साथ ही पोर्टफोलियो को डायवर्स और बैलेंस बनाने में मददगार साबित होते हैं...
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दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई में गिरावट के संकेत मिलने के साथ अब इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक भी ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं. इसका पहला संकेत अमेरिकी फेडरल रिजर्व से आया है, जो जून की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी ऐसा कदम उठा सकते हैं और भारतीय रिजर्व बैंक भी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.
समाप्त हो गया है इंडेक्सेशन बेनिफिट
इस सेंटिमेंट को देखते हुए निवेशक अब फिर से कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों की ओर अपनी दिलचस्पी दिखाने लगे हैं, क्योंकि गिरते हुए ब्याज दरों की पृष्ठभूमि में कॉरपोरेट बॉन्ड से रिटर्न बढ़ता है. यह इस तथ्य के बावजूद है कि इन फंडों पर लागू इंडेक्सेशन बेनिफिट को समाप्त कर दिया गया है. हालांकि ये फंड अभी भी ब्याज दर में बढ़ोतरी और कम लागत अनुपात के फायदे दिलाते हैं.
ब्याज दरों का रिटर्न पर ऐसे होता है असर
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड डेट फंड हैं, जो एए+ और उससे ऊपर रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. इसका उदाहरण निप्पॉन इंडिया कॉरपोरेट बॉन्ड फंड है, जो 8 फीसदी से अधिक वार्षिक रिटर्न दे रहा है. यह इस कैटेगरी के औसत से कहीं अधिक रिटर्न है. कॉरपोरेट बॉन्ड से मिलने वाले रिटर्न की दरें ब्याज दर में बदलाव से सीधे प्रभावित होती हैं, क्योंकि बॉन्ड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे की उलटी दिशा में होती हैं.
इस तरह से मिला है इन फंडों पर रिटर्न
एडवाइजर खोज के सह संस्थापक द्वैपायन बोस कहते हैं कि पिछले एक साल में कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों ने अच्छा परफॉर्म किया है. निप्पॉन इंडिया कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ने 8.39 फीसदी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है, जबकि इस कैटेगरी के कुल फंडों में से लगभग आधे ने 8 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है. इनमें एक्सिस कॉरपोरेट डेट फंड, एचडीएफसी कॉरपोरेट बॉन्ड फंड, बड़ौदा बीएनपी पारिबा, एचएसबीसी और आदित्य बिड़ला सन लाइफ शामिल हैं.
ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
कॉरपोरेट बॉन्ड म्यूचुअल फंड जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए आदर्श हैं, जो निवेश पर उच्च रिटर्न की तलाश कर रहे हैं. कॉरपोरेट बॉन्ड फंड वास्तव में डेट इन्स्ट्रूमेंट्स हैं और पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. टॉप कॉरपोरेट बॉन्ड फंड की समयावधि आम तौर पर 1 से 4 साल के बीच होती है, जो निवेशकों को अपनी लिक्विडिटी मेन्टेन करने की सहूलियतति देती है. हाई रिटर्न की पेशकश के अलावा, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड को किसी भी समय खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे निवेशकों को पैसे की आवश्यकता होने पर नकदी निकालने की सुविधा मिलती है. अधिकांश वित्तीय सलाहकार एक डायवर्स और संतुलित पोर्टफोलियो बनाने के लिए इन फंडों को शामिल करने की सलाह देते हैं.
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट/म्यूचुअल फंडों में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.
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