भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ रहा है. पिछली दो तिमाहियों के दौरान इन कंपनियों के मुनाफे में डबल डिजिट ग्रोथ हुई है. कंपनियों की ओर से लागत में कटौती और फेस्टिवल सीजन में बढ़ी मांग की वजह से कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफे में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.


शुद्ध मुनाफे में 67 फीसदी तक बढ़ोतरी 


इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक 3087 कॉरपोरेट कंपनियों ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही ( 2020-21) के शुद्ध मुनाफे में 67.7 फीसदी का इजाफा दर्ज किया. यह पिछली नौ तिमाहियों में मुनाफे का सर्वोच्च स्तर है. कंपनियों को यह मुनाफा लागत में कटौती की वजह से हुआ क्योंकि इस दौरान रेवेन्यू में सिर्फ 1.8 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई.


लागत में कटौती और विज्ञापन खर्च में कमी से बढ़ा मुनाफा 


कंपनियों ने कोरोना संक्रमण के दौर में लागत में काफी कटौती की. विज्ञापनों पर खर्चा कम हुआ और और कुछ मामलों में प्रोडक्ट को मिक्स कर दिया गया. इससे कंपनियों का मार्जिन बढ़ा. कुछ विश्लेषकों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन दशक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन रहा. जहां तक सेक्टोरल प्रदर्शन का सवाह है तो आईटी, ऑटो, बैंक सीमेंट और मेटल सेक्टर की कंपनियों ने मुनाफे के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया.


फार्मा और तेल-गैस कंपनियों को सबसे ज्यादा मुनाफा 


फार्मा और तेल और गैस कंपनियों का मुनाफा सबसे शानदार रहा. तेल और गैस कंपनियों में से बीपीसीएल का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 120 फीसदी उछलकर 2,777.6 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इससे पहले 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2,247 करोड़ रुपये रहा था. जानकारी के मुताबिक तेल के दामों में भारी उछाल आया है, और कंपनी के पास पहले से जो स्टॉक थे, उसे बेचने पर मुनाफा बढ़ा है. हालांकि, एविएशन, टूरिज्म और रिटेल सेक्टर की कंपनियों का मुनाफे के मोर्चे पर प्रदर्शन लगातार गिरावट की ओर रहा. सबसे ज्यादा नुकसान एविएशन और टूरिज्म सेक्टर को हुआ है.


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थोक महंगाई दर में इजाफा, जनवरी में बढ़कर 2.03 फीसदी पर पहुंची, दिसंबर में 1.22 फीसदी पर थी