Corporate Clash: खून के रिश्तों से दूर होते ही कॉरपोरेट मैनेजमेंट में हो रहे दो-फाड़, इन कंपनियों में नहीं थम रहे विवाद
Family Clash In Corporates: कॉरपोरेट विवाद के ऐसे नजारे हाल के दिनों में केके मोदी, ओबेराय, कल्याणी और मुरुगप्पा परिवारों में देखने को मिले हैं.
Company Dispute: यह खून के रिश्तों के तार-तार होने से कॉरपोरेट जगत में बंटाधार होने की कहानी है. पहले खानदानी संपत्ति में विवाद, फिर कंपनी में हिस्सेदारी का विवाद और उसके बाद अंतहीन मुकदमेबाजी के सिलसिले में कभी एक के भारी पड़ने और दूसरे के हावी होने की प्रक्रिया चलती रहती है. मैनेजर से लेकर कर्मचारी तक शुरू में मजे लेते हुए तमाशबीन बने रहते हैं. प्रतियोगिता कर रही कंपनियों के लिए भी यह मनोरंजन का विषय बनता है. फिर प्रमोटरों की जगहंसाई के साथ ही कंपनी की साख पर भी दाग लगने शुरू हो जाते हैं. इसका नतीजा आखिरकार निवेशकों को लगे झटके के रूप में निकलता है. कॉरपोरेट कलेश के ऐसे नजारे हाल के दिनो में केके मोदी, ओबेराय, कल्याणी और मुरुगप्पा परिवारों में देखने को मिले हैं.
मां की ममता पर भारी शेयर की दावेदारी
कई पीढ़ियों से संपत्ति और कंपनी प्रबंधन की मिलकियत में हिस्सेदारी को लेकर उठे ताजा विवाद की श्रृंखला में केके मोदी परिवार अभी सुर्खियों में है. यहां दोनों बेटे एकजुट होकर मां की ताकत को चुनौती दे रहे हैं. इनमें से एक बेटे ललित मोदी हैं जो आईपीएल के बॉस के रूप में चर्चित रहे हैं. दूसरे बेटे समीर मोदी हैं. दोनों बेटे 11 हजार करोड़ की गॉडफ्रे इंडिया कंपनी की चेयरमैन यानी अपनी 80 वर्षीय मां वीना मोदी के खिलाफ अपने हिस्से में से बेईमानी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान आपस में धक्का-मुक्की तक के केस भी हुए हैं. दोनों बेटों को कहना है कि उनकी मां ने उनके पिता केके मोदी की वसीयत के मुताबिक दो बेटों, एक बेटी और पत्नी में बराबर बांटने की बजाय पूरी कंपनी पर कब्जा जमा लिया है. इसी तरह ओबेरॉय और ट्राइडेंट होटल चेन के मालिक पीआरएस ओबेरॉय के निधन के साथ ही उनके परिवार में भी कंपनियों पर कब्जे को लेकर घमासान शुरू हो गया है. विवाद की जड़ 1992 और 2021 में उनकी ओर से लिखे गए दो वसीयत हैं. इसके एक ओर पीआरएस ओबेरॉय की दूसरी पत्नी से पैदा हुई संतान अनसतासिया ओबेरॉय है. जो अपने सौतेले भाई विक्रमजीत ओबेरॉय, सौतेली बहन नताशा ओबेरॉय और चचेरे भाई अर्जुन ओबेरॉय से अदालती लडाई लड़ रही है.
कानूनी जटिलताओं में फंसा कल्याणी परिवार का विवाद
भारत फोर्ज कंपनी पर कब्जे का विवाद कानूनी जटिलताओं में फंसा हुआ है. नीलकंठ कल्याणी द्वारा 1961 में स्थापित इस कंपनी में विवाद फरवरी 2023 में सुलोचना कल्याणी के निधन के साथ शुरू हुआ. सुलोचना के बेटे बाबा कल्याणी कंपनी के एमडी हैं. उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ ने भाई पर उन्हें और उनके पति को किनारे करने का आरोप लगाया है.
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