IPO Market: शेयर बाजार में गिरावट के चलते IPO-QIP के जरिए फंड जुटाने की गतिविधि पर लगा ब्रेक
Stock Market News: सितंबर 2024 के बाद से ही बाजार में निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न मिल रहा है. फिर भी 5 महीनों से एसआईपी फ्लो 25000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.

IPO Market: शेयर बाजार में पिछले छह महीनों से जारी करेक्शन का असर आईपीओ और क्यूआईपी के जरिए कंपनियों के फंड जुटाने की गतिविधि पर पड़ा है. साल 2024 में 90 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाये थे. तो साल 2025 के पहले तीन महीनों में 10 आईपीओ के जरिए केवल 16983 करोड़ रुपये ही जुटाया जा सका है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की इंवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी एमके इंवेस्टमेंट बैंकिंग ने कहा कि बाजार में करेक्शन के चलते डील स्ट्रीट में गतिविधि कम हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी मार्केट में करेक्शन के चलते फंड जुटाने की गतिविधि प्रभावित हुई है. साल 2024 में 92 कंपनियां आईपीओ लेकर आई थी जिसमें 1,62,261 करोड़ रुपये जुटाये गए थे. जबकि 91 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए 1,36,424 करोड़ रुपये जुटाये थे.
रिपोर्ट के मुताबिक साल दर साल आंकड़ों पर नजर डालें तो 2025 के जनवरी से फरवरी के बीच 10 आईपीओ ने बाजार में दस्तक दिया है जबकि 2024 में 15 आईपीओ ने बाजार में दस्तक दिया था. साल 2025 में जनवरी से मार्च के दौरान केवल 7 क्यूआईपी आया है जबकि 2024 में इसी अवधि में 18 क्यूआईपी आया था.
एमके इंवेस्टमेंट बैंकिंग ने अपने रिपोर्ट में कहा, म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश में लगातार जारी मजबूती से बाजार को सहारा मिल रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 के पिछले 11 महीनों से लगातार एसआईपी फ्लो 20000 करोड़ के ऊपर बना हुआ है. पिछले 5 महीनों में एसआईपी फ्लो 25000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. ये तब है जब सितंबर 2024 के बाद से ही बाजार में निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न मिल रहा है. जबकि बाजार एसआईपी फ्लो में गिरावट की उम्मीद कर रहा था. हालांकि भविष्य में एसआईपी निवेश में किसी भी प्रकार की कमी से बाजार के प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों के निवेश वापस निकालने के बाद घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इसकी भरपाई की है. डेटा के मुताबिक पिछले 11 महीनों में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,88,000 करोड़ रुपये के मुकाबले 5,70,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं.
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