Lok Sabha Elections 2024: भारत में कोरोना काल के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है. आजकल लोग स्वास्थ्य बीमा ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं. भारत में जैसे-जैसे स्वास्थ्य बीमा की डिमांड बढ़ रही है, उसी के साथ ही ग्राहकों पर प्रीमियम का बोझ भी बढ़ रहा है. ऐसे में महंगा होता स्वास्थ्य बीमा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. देश में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है और कुल सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं.


कांग्रेस-बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किया ये ऐलान


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने महंगे होते हेल्थ इंश्योरेंस को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए अपने घोषणा पत्र में नागरिकों को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त बीमा देने का ऐलान किया है. वहीं बीजेपी ने भी अपने घोषणापत्र में आयुष्मान भारत योजना के और विस्तार की बात कही है. बीजेपी ने ऐलान किया है कि अगर तीसरी बार केंद्र में मोदी सरकार बनती है तो आयुष्मान योजना में एक बड़ा विस्तार करते हुए 70 साल से अधिक के हर वरिष्ठ नागरिक को इस योजना का लाभ मिलेगा. फिलहाल इस योजना का लाभ केवल निम्न आय वर्ग के नागरिकों को ही मिल रहा है.


लगातार महंगा हो रहा हेल्थ इंश्योरेंस


हाल ही में LocalCircles के द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पर किए गए एक सर्वे में आधे से अधिक पॉलिसीधारकों ने यह माना है कि उनका इंश्योरेंस प्रीमियम पिछले एक साल में 25 फीसदी तक महंगा हुआ है. खास बात ये है कि इंश्योरेंस सेक्टर के रेगुलेटर इरडा (IRDAI) द्वारा बदले गए नियमों के चलते हेल्थ इंश्योरेंस पहले ही महंगा हो चुका है. 11,000 लोगों के बीच किए गए सर्वे में 52 फीसदी लोगों ने माना कि उनके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में पिछले एक साल में 25 फीसदी की बढ़त हुई है. 


इसमें से 21 फीसदी ग्राहकों ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी की बात मानी. वहीं 31 फीसदी लोगों ने प्रीमियम 25 से 50 फीसदी तक महंगा होने की बात मानी. वहीं 31 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस 10 से 25 फीसदी और 2 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस 10 फीसदी तक महंगा हो गया है.


लोगों की बढ़ी है चिंता


LocalCircles के सर्वे में ग्राहकों ने बढ़ रहे हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पिछले दो सालों में स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही ग्राहकों ने क्लेम प्रोसेस के धीरे होने की बात के साथ कहा कि बीमा कंपनियों को इस प्रोसेस को तेज करने की आवश्यकता है. 


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