नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद आरबीआई के पास कुल कितने पुराने नोट आए इसका जवाब हर देशवासी जानना चाहता है. हालांकि आरबीआई ने आज भी इस बात का जवाब नहीं दिया कि नोटबंदी के बाद देश के केंद्रीय बैंक के पास 500-1000 रुपये के कुल कितने पुराने नोट वापस आए हैं. लिहाजा सरकार का नोटबंदी के जरिए काला धन खत्म करने का जो लक्ष्य था वो पूरा हुआ या नहीं ये अभी तक साफ नहीं हुआ है.


नोटबंदी के बाद जमा पैसे की गिनती जारी है
वित्त मंत्रालय की स्थाई स्टैंडिग कमेटी के सदस्यों ने जब आरबीआई गवर्नर से पूछा कि नोटों की गिनती का फाइनल आंकड़ा कब आएगा तो उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटबंदी के बाद जमा पैसे की गिनती जारी है और गिनती कब खत्म होगी इसकी डेडलाइन तय नहीं है. इससे पहले 18 जनवरी को हुई मीटिंग में दिए गए उनके जवाबों से भी पैनल असंतुष्ट रहा था. पिछली बैठक में उर्जित पटेल ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए कुल पुराने नोटों की संख्या नहीं बताई थी. उन्होंने सिर्फ ये जानकारी दी थी कि 9.2 लाख करोड़ राशि के नए नोट चलन में आ गए हैं.

नोटों की गिनती के लिए खास मशीन
नोटबंदी और डिजिटल लेनदेन की स्थिति की समीक्षा कर रही समिति के सामने पटेल ने बताया कि नोटों की गिनती के काम में अब तेज़ी आ रही है क्योंकि नोट गिनने के लिए एक खास तरह की मशीन मंगाई गई है. नई मशीन से नकली नोटों को भी असली नोटों से आसानी से अलग किया जा सकता है. आरबीआई गवर्नर ने पुराने नोटों का अंतिम आंकड़ा देने की कोई समय सीमा भी नहीं बताई है.

बिटकॉइन पर भी उठाया सवाल
वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की इस बैठक में बिटकॉइन और उस जैसी बाक़ी वर्चुअल करेंसी पर भी सवाल उठाए गए हैं. बैठक में मौजूद सभी सांसदों ने हाल ही में कुछ अखबारों में छपे बिटकॉइन के एक विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब अभी तक भारत में बिटकॉइन अवैध है तो फिर उसका विज्ञापन कैसे छप गया. बैठक में मौजूद एक सदस्य ने तो इस मसले पर एफआईआर दर्ज़ कर मामले की जांच करने तक का सलाह भी दी.

देश के टॉप 12 डिफॉल्टर्स के नाम बताने को कहा गया
नोटबंदी मामले में जांच कर रही संसद की स्थाई समिति के कुछ सदस्यों ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए हैं कि अब फिर से कुछ को-ऑपरेटिव बैंकों में पुराने नोट जमा करने के लिए राहत क्यों दी गई है? बैठक में मौजूद कुछ सदस्यों ने एनपीए को लेकर भी सवाल उठाया और उर्जित पटेल से देश के टॉप 12 डिफॉल्टर्स के नाम बताने को कहा. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने गोपनीयता का हवाला देकर इन 12 टॉप डिफॉल्टर्स के नाम बताने से भी इंकार कर दिया.

गवर्नर उर्जित पटेल की हो रही है लगातार पेशी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने लगातार पेश हो रहे हैं. उनसे नोटबंदी और उससे जुड़े कई सवालों जैसे नोटबंदी लागू करने के कारणों, आरबीआई की तैयारियों और सिस्टम में कुल वापस आए पैसों पर सवाल किए जा रहे हैं. गौरतलब है कि नोटबंदी को हुए 9 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है पर गर्वनर उर्जित पटेल ने अभी तक यह नहीं बताया है कि कितने पुराने नोट अभी तक जमा हुए हैं. पूर्व यूपीए सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में ये पैनल 13 जुलाई को वित्त मंत्रालय के कई अधिकारी से भी मिलेगा.

8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल करेंसी की 86 फीसदी रकम अवैध करार देते हुए 500-1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था.

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