इस साल की बारिश भारत के कई हिस्सों के लिए तबाही लेकर आई है. देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य पिछले कुछ सप्ताह से बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के चलते लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इससे जान और माल की भारी क्षति हुई है. एक ताजी रिपोर्ट बताती है कि इस बार बाढ़ के चलते देश की अर्थव्यवस्था को 10 से 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


इससे पहले तूफान ने मचाई तबाही


देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में नुकसान के अनुमान के आंकड़े दिए गए हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के चलते देश को 10 हजार करोड़ से 15 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है. रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की गई है कि समय के साथ प्राकृतिक कारणों से जान-माल की हानि का बढ़ना चिंताजनक है. बाढ़ के पहले बिपरजॉय तूफान ने भी काफी आर्थिक नुकसान किया था.


प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ी


एसबीआई की रिपोर्ट की मानें तो अभी अमेरिका और चीन के बाद प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को ही हो रहा है. 1990 के बाद भारत को कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, 1900 से 2000 के बीच के 100 सालों में भारत में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या 402 रहीं, जबकि 2001 से 2022 के दौरान महज 21 सालों में इनकी संख्या 361 रहीं.


बाढ़ ने मचाई सबसे ज्यादा तबाही


एसबीआई ने प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़ के अलावा सूखे, भूस्खलन, तूफान और भूकंप को शामिल किया है. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा तबाही बाढ़ से होती है. अकेले बाढ़ कुल प्राकृतिक आपदाओं में 41 फीसदी हैं. बाढ़ के बाद तूफान का स्थान है. एसबीआई का मानना है कि भारत में प्राकृतिक आपदाओं से ज्यादा नुकसान होने की एक बड़ी वजह बीमा का न होना है.


अकेले हिमाचल को इतना नुकसान


आपको बता दें कि इस साल की बारिश में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया था कि पिछले कुछ सप्ताह से हो रही भारी बारिश से अकेले उनके राज्य को करीब 8000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.


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