कोरोना संक्रमण ने फार्मा कंपनियों का रेवेन्यू और शेयरों की कीमतें तो बढ़ाया ही है, फार्मेसी से जुड़े रोजगार में भी इजाफा किया है. स्टोर और ऑनलाइन मेडिकल स्टोर से दवा डिलीवरी की वजह  से इस इंडस्ट्री के रोजगार में इजाफा हुआ है. इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले दो-तीन तिमाहियों में इस सेक्टर में फार्मासिस्ट और डिलीवरी ब्वॉय की मांग 8 से 10 फीसदी बढ़ जाएगी.


अगले नौ महीने में 90 हजार नौकरियां 


एक्सपर्ट्स का कहना है कि फार्मेसी सेक्टर के कारोबार में इजाफे की वजह से अगले छह से नौ महीने में 64 से 90 हजार नौकरियां पैदा हो सकती हैं. टीमलीज का कहना है कि फार्मास्यूटिकल्स मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भले ही रोजगार में धीमापन दिख रहा हो लेकिन इससे जुड़े रिटेलिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर में नौकरियों में तेजी आई है. दरअसल ग्राहकों की दवाओं की बढ़ती जरूरत की वजह से दवा डिलीवरी का काम काफी बढ़ा है. कोविड-19 की वजह से बड़ी संख्या में लोग घर बैठे दवा मंगा रहे हैं. ई-फार्मेसी सी भी दवा डिलीवरी बढ़ी है. डॉक्टर बुकिंग, मेडिकल स्कैनिंग, ऑर्डर बुकिंग, कन्साइनमेंट, डिलीवरी, अकाउंटिंग और कस्टमर रिलेशनशिप जैसे सेगमेंट में रोजगार में इजाफा देखा जा रहा है. टीमलीज की वेबसाइट से पता चलता है कि फार्मसी सेक्टर में फरवरी से सितंबर के बीच अलग-अलग भूमिकाओं में 56 फीसदी का इजाफा दिखा है.


ऑनलाइन फार्मेसी के कारोबार में रफ्तार से रोजगार बढ़ा 


एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले छह महीनों में फार्मेसी, ई-फार्मेसी और इससे जुड़े बिजनेस में दस से चौदह हजार लोगों को रोजगार मिला है. इस वक्त फार्मा रिसर्च, डिस्ट्रीब्यूशन, मैन्यूफैक्चरिंग, रिटेलिंग और लॉजिस्टिक्स में 15 से 16 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. इनमें से 8 से 9 लाख लोग संगठित सेक्टर में हैं. दवा कंपनियों और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों को रिवर्स माइग्रेशन की वजह से लोगों की भर्तियां करने में दिक्कत आ रही है लेकिन दवा दुकानों या फार्मेसी में लोगों का रोजगार बढ़ा है. 1mg और फार्मईजी जैसी ई-फार्मेसी कंपनियां ने लोगों की भर्तियां बढ़ाई हैं क्योंकि ऑनलाइन ऑर्डर करना पसंद कर रहे हैं.


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