Omicron Effect: कोरोना महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के चलते एक बार फिर अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियों आन खड़ी हुई है. ऐसे किसी भी चुनौतिपूर्ण हालात से निपटने के लिए बैंकों की तैयारियों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बड़ी बैठक की है. 


वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि वीडियो क्रॉफ्रेसिंग के जरिए हुई इस बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों से कोविड महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियों के ठप्प होने के चलते संकट से जुझ रहे सेक्टर्स को हर संभव सहायता देने को कहा है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र, रिटेल सेक्टर्स, एमएसएमई को भी मदद देने को बैंकों से कहा है. 






 


इस बैठक में वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार और आरबीआई द्वारा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ऐलान किए कई प्रकार के राहत वाले कदमों की समीक्षा की. साथ ही कोरोना महामारी के चलते पैदा होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. ECLGS स्कीम की सफलता की तारीफ करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हमें मिली सफलताओं पर आराम से नहीं बैठना है, हमें उन सेक्टर्स की मदद करनी है जो कोरोना महामारी से परेशानी में आ गए हैं. वित्त मंत्री ने बैंकों से कृषि क्षेत्र, किसानों, रिटेल सेक्टर और एमएसएमई सेक्टर को मदद देने को कहा है. 


वित्त मंत्री ने माना है कि वैश्विक घटनाओं और ओमिक्रोन के फैलने के बावजूद देश के बिजनेस आउटलुक में सुधार देखा जा रहा है. वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि कॉटैक्ट इंटेसिव सेक्टर को महामारी से लड़ने के लिए ज्यादा मदद की जरुरत होगी. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास में तेजी के चलते कर्ज लेने वालों की वित्तीय हालत में सुधार होगी वहीं लोन की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.   क्रेडिट आउटरिच प्रोग्राम के तहत बैंकों ने 61,268 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है.