(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मई में खुदरा महंगाई दर घटकर आ गई 4.75 फीसदी पर, लेकिन साग-सब्जियों और दाल की महंगाई से राहत नहीं
CPI Inflation: मई में सीपीआई इंफ्लेशन घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है. हालांकि कई जानकार इसके 5 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान जता रहे थे.
Retail Inflation Data: मई महीने में भी खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है. सरकार ने जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक मई 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है जो अप्रैल 2024 में 4.83 फीसदी रही थी. खाद्य महंगाई दर में मामूली कमी आई है और ये अप्रैल के 8.70 फीसदी के मुकाबले मई में 8.69 फीसदी पर आ गई है. हालांकि साग-सब्जियों और दाल की महंगाई अभी भी लोगों को सता रही है.
8.69 फीसदी रही खाद्य महंगाई दर
सांख्यिकी मंत्रालय ने मई महीने के लिए खुदरा महंगाई दर का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक मई में सीपीआई इंफ्लेशन घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है. हालांकि कई जानकार इसके 5 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान जता रहे थे. खाद्य महंगाई दर जस का तस बनी हुई है. खाद्य महंगाई दर मई में 8.69 फीसदी रही है जो अप्रैल में 8.70 फीसदी रही थी. मई 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 2.96 फीसदी रही थी.
साग-सब्जियों और दालों की महंगाई ने किया परेशान
मई महीने में साग-सब्जियों और दालों में महंगाई में तेजी बनी हुई है. साग-सब्जियों की महंगाई दर मई में 27.33 फीसदी रही है जो अप्रैल में 27.80 फीसदी रही थी. दालों की महंगाई दर में मई महीने में उछाल देखने को मिला है और ये 17.14 फीसदी रही है जो अप्रैल में 16.84 फीसदी रही थी. फलों की महंगाई दर 6.68 फीसदी रही है जो अप्रैल में 5.94 फीसदी रही थी. अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर मई में 8.69 फईसदी रही है जो अप्रैल में 8.63 फीसदी रही थी. मसालों की महंगाई दर घटकर मई में 4.27 फीसदी पर आ गई है जो अप्रैल में 7.75 फीसदी रही थी. चीनी की महंगाई दर घटकर 5.70 फीसदी रही है जो अप्रैल में 6.73 फीसदी और अंडो की महंगाई दर 7.62 फीसदी रही है जो अप्रैल में 9.59 फीसदी रही थी.
आरबीआई के टोलरेंस बैंड में महंगाई दर
खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के टोलरेंस बैंड 2 से 6 फीसदी के बीच में बना हुआ है. हालांकि आरबीआई के पॉलिसी रेट में गिरावट के लिए महंगाई दर 4 फीसदी तक घटने का इंतजार किया जा रहा है. पिछले हफ्ते ही एसबीआई ने अपने रिसर्च पेपर में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है.
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