EMI Relief: 14 अगस्त, 2023 को घोषित आंकड़े के मुताबिक जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर फिर से 15 महीने के उच्च लेवल 7.44 फीसदी पर जा पहुंचा जो जून में 4.81 फीसदी था. खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी जहां ये संकेत दे रही है कैसे कमरतोड़ महंगाई आम लोगों को सता रही है. वही इस आंकड़े ने मौजूदा वर्ष में महंगी ईएमआई से राहत की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है.
नहीं मिलेगी महंगी ईएमआई से राहत
मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.32 फीसदी और जून में 4.81 फीसदी पर आ गई तब ये अनुमान जताया जा रहा था कि खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी के करीब आई तो महंगी ईएमआई से लोगों को राहत मिल सकती है. लेकिन अगस्त में खुदरा महंगाई दर के 7.44 फीसदी और खाद्य महंगाई दर के 11.51 फीसदी पर जाने के बाद राहत की उम्मीद अब बेमानी हो चुकी है. सीपीआई इंफ्लेशन आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लेवल 6 फीसदी के पार जा पहुंची है. जबकि आरबीआई का लक्ष्य 4 फीसदी पर लाने का है जो फिलहाल होता नहीं दिख रहा है.
आरबीआई ने बढ़ाया महंगाई का अनुमान
10 अगस्त को जब आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया तो मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया. आरबीआई को भी अब मौजूदा वित्त वर्ष में अब 4 फीसदी के करीब महंगाई दर आने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में महंगी ईएमआई से राहत के लिए अब लोगों को लंबा इंतजार करना होगा.
2 वर्ष में 20 फीसदी महंगी हुई ईएमआई
मई 2022 के बाद से आरबीआई ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए छह चरणों में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया. यानि रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर दिया गया. नतीजा ये हुआ कि रेपो रेट लिंक्ड होम लोन की ईएमआई महंगी हो गई. प्रॉपर्टी कसंलटेंट एनारॉक ने भी हाल में जारी किए गए अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2 वर्ष में ईएमआई 20 फीसदी महंगी हो चुकी है. 20 लाख रुपये तक के होम लोन पर 2021 के मध्य में 6.7 फीसदी ब्याज दर हुआ करता था जो 2023 में मौजूदा समय में बढ़कर 9.15 फीसदी हो चुका है.
महंगाई के घटने का इंतजार
अब महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद आरबीआई महंगाई में कमी का इंतजार करेगी. खाद्य वस्तुओं की सप्लाई में सुधार आने के बाद खाद्य महंगाई के घटने पर महंगाई घटती भी है तो आरबीआई महंगाई दर के 4 फीसदी के करीब आने का इंतजार करेगी जिसकी संभावना फिलहाल के लिए नजर नहीं आ रही है. ऐसे में महंगी ईएमआई कुछ महीने और होम बायर्स को और सताती रहेगी और महंगाई दर में और इजाफा हुआ तो ईएमआई के और महंगे होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें