Railway Concession to Senior Citizen: इस सांसद ने की रेल मंत्री से बुजुर्गों के लिए रेल सफर में रिआयती टिकट शुरू करने की मांग
Rail Ticket Concession: बुजुर्गों को रेल सफर करने के लिये दी जाने वाली रिआयतों को कोरोना काल से निलंबित कर दिया गया है. रेल सफर करने के लिये उन्हें ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है.
Railway Concession to Senior Citizen: रेल सफर (Rail Travel) करने वाले सीनियर सिटीजन ( Senior Citizen) और दूसरे कैटगरी के यात्रियों को रियायती टिकट ( Concession Ticket) की सेवा कोविड महामारी ( Covid 19 Pandemic) और कोविड प्रोटोकॉल ( ( Covid 19 Protocal) के मद्देनज़र बंद कर रखा है. इसे शुरू किए जाने को लेकर संसद से सड़क तक कई बार मांग की जा चुकी है. एक बार फिर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के सांसद की तरफ से बुजुर्गों के लिए रिआयती ट्रेन टिकट सेवा शुरू करने की मांग उठी है. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ( Binoy Visham) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ( Ashwini Vaishnaw) से सीनियर सिटीजन रिआयती ट्रेन टिकट ( Senior Citizen Rail Concession Ticket) सेवा शुरू किए जाने की मांग की है.
बुजुर्गों के लिए रेलवे रिआयती सेवा बहाल करने की मांग
बिनॉय विश्वम ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि देशभर में करोड़ो बुजुर्ग रिआयती ट्रेन टिकट सेवा का वापल लिए जाने से प्रभावित हुए हैं. कोरोना महामारी के चलते इसे वापस लिया गया था. लेकिन सीनियर सिटीजन के द्वारा बार बार मांग किए जाने के बावजूद इस सेवा को फिर से बहार नहीं किया गया है जबकि देश पूरी तरह से कोविड बाद खुल चुका है. उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि भारतीय रेलवे की स्थापना देश के नागरिकों को एक किफायती और कुशल साधन प्रदान करने वाले परिवहन व्यवस्था के प्राथमिक उद्देश्य से की गई थी. पिछले कुछ वर्षों में, वरिष्ठ नागरिकों सहित नागरिकों की 50 से अधिक श्रेणियों को उनकी यात्रा को किफायती बनाने के लिए रियायतें दी गई हैं. हालाँकि, कोविड -19 महामारी की शुरुआत के साथ, इन रियायतों को सुरक्षा और रोकथाम के नाम पर रोक दिया गया था. इसे इस विश्वास के साथ किया गया कि कोरोना महामारी समाप्त होने और बंदिशें हटने के बाद से फिर से ये सेवाएं कर दी जाएंगी. लेकिन सरकार ने इन रियायतों को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए कोविड -19 महामारी का इस्तेमाल किया है. मार्च 2020-2022 के बीच 7 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे का उपयोग किया है और रिआयती सेवा खत्म करने का बड़ा प्रभाव पड़ा है. बिनॉय विश्वम ( Binoy Visham) ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है.
Concession for Senior Citizens has been stopped in the Railways. It was a stab on their back from
— Binoy Viswam (@BinoyViswam1) May 21, 2022
Modi govt.Old age is not a crime. Their movement is not a sin. I urge Railway Minister Ashwini Vaishnav to relook into the retrograde move. Let the senior citizens raise their voice.
संसद में कई बार उठा मामला
इससे पहले कई मौकों पर संसद में सरकार से वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट में दिये जाने वाले सब्सिडी को फिर से शुरू किए जाने को लेकर सवाल पूछा गया है. जिसका जवाब देते हुये रेल मंत्री ने पूर्व में बताया कि महामारी कोविड प्रोटोकॉल के चलते दिव्यांगजन की चार श्रेणियों और मरीजों और छात्रों के 11 श्रेणियों को छोड़कर बाकी सभी कैटगरी के लिये दी जा रही रेलवे की रिआयती टिकट की सुविधा को वापस ले लिया गया है.
बुजुर्गों के लिये रेल सफj महंगी
एक तो ज्यादातर सीनियर सिटीजन का कोई इनकम का ठोस जरिया नहीं होता है. उसपर से मार्च 2020 में कोरोनो महामारी ( Covid 19 Pandemic) के शूरू होने के बाद सरकार ने रेल सफर ( Rail Journey) करने के लिये उन्हें दी जाने वाली रियायतों ( Concessions) को निलंबित कर दिया गया है, जो अभी भी अमल में है. इससे बुजुर्गों को रेल सफर करने के लिये अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है.
4 करोड़ सीनियर सिटीजन को नहीं मिला Concession
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद रेल सफर करने वाले लगभग चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया का भुगतान करना पड़ा है. एक आरटीआई का जवाब देते हुये रेलवे ( India Railways) ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच तीन करोड़ 78 लाख 50 हजार 668 (37,850,668) वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है.
पहले रेल किराये पर मिलती थी छूट
आपको बता दें रेलवे मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिये 40 फीसदी किराये पर छूट देता था. रेलवे द्वारा ये छूट हासिल करने के लिये बुजुर्ग महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिये 60 वर्ष थी.
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