MSME Samadhaan Portal : MSME समाधान पोर्टल पर छोटे कारोबारियों के लटके 30 हजार करोड़ रुपये, देखें क्या है मामला
MSEs ने 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पेमेंट के लिए एप्लीकेशन डाले गए है. एमएसईज ने पिछले 5 साल में 30776 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 1.20 लाख से अधिक आवेदन भेजे है.
Credit And Finance Difference For MSMEs : केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि MSME समाधान पोर्टल पर 5 साल में छोटे कारोबारियों के 30 हजार करोड़ रुपये पेमेंट अटके पड़े है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते छोटे व्यापारियों की स्थिति और बिगड़ी गई है. बताया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2022 में कोरोना से पहले के मुकाबले लगभग दोगुना राशि के अटके पेमेंट के लिए आवेदन भेजे गए है.
1.20 लाख आए आवेदन
माइक्रो व स्माल एंटरप्राइजेज (Micro and Small Enterprises) ने 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पेमेंट के लिए एप्लीकेशन डाले गए है. पोर्टल पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार एमएसईज (MSMEs) ने पिछले 5 साल में 30776 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 1.20 लाख से अधिक आवेदन भेजे है.
समाधान योजना हुई थी शुरू
केंद्र सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को MSME Samadhan योजना की शुरुआत की थी. इसके पीछे का कारण था कि, छोटे कारोबारियों को समय से पेमेंट मिल सके. एमएसएमई समाधान पोर्टल पर अटके पेमेंट के लिए समाधान निकाले जाते है.
ये आये है आवेदन
केंद्र व राज्य की पीएसयूज, विभागों और अन्य खरीदारों के बकाए को लेकर जो आवेदन दाखिल हैं, उसमें 50 फीसदी या 60987 आवेदन 17,821.16 करोड़ रुपये के हैं जो अभी भी पेंडिंग है. वहीं 5,046.2 करोड़ रुपये के सिर्फ 25.4 फीसदी आवेदन ही या तो फसिलिटेशन काउंसिल द्वारा डिस्पोज किए है. एमएसएमईज व उनके खरीदारों के बीच आपसी सहमति से सेटल कर दिए गए.
राज्य में क्या है स्थिति
समाधान पोर्टल के अनुसार Proprietorship के खिलाफ 1,225.24 करोड़ रुपये के 14,581 आवेदन भेजे गए है. वही एमएसएमई यूनिट्स के 892.32 करोड़ रुपये के लिए 5185 आवेदन, राज्य सरकारों के 3,144.88 करोड़ रुपये के 4,264 आवेदन और इंडिविजुअल के 208.41 करोड़ रुपये के 2,090 आवेदन फाइल हुए हैं.
कोरोना से हुई परेशानी
कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2022 में कोरोना से पहले के मुकाबले लगभग दोगुना राशि के अटके पेमेंट के लिए आवेदन दाखिल हुए है. इस महीने अगस्त 2022 की शुरुआत में एमएसएमईज स्टेट मिनिस्टर भानु प्रताप सिंह वर्मा ने संसद में ये आंकड़े पेश किये थे. वित्त वर्ष 2021-22 में 5685 करोड़ रुपये के अटके पेमेंट के समाधान के लिए आवेदन किया था, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 2887 करोड़ रुपये से लगभग 97 फीसदी अधिक है. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 की बात करें तो यह आंकड़ा 5747 करोड़ रुपये हो गया था.
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