क्रेडिट कार्ड धीरे-धीरे लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बनने लग गए हैं. भारत में हालिया सालों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. करोड़ों लोग सामान्य खरीदारी से लेकर कई अन्य कामों में धड़ल्ले से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसके चलते बैंकों को तो फायदा हो रहा है, साथ ही क्रेडिट कार्ड का बकाया भी आसमान छूता जा रहा है.
दो महीने में मार्केट में आए 20 लाख कार्ड
रिजर्व बैंक की एक ताजी रिपोर्ट बताती है कि मई महीने में क्रेडिट कार्ड से खर्च बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वहीं इस्तेमाल हो रहे क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़कर मई में रिकॉर्ड 8.74 करोड़ पर पहुंच गई. इनमें से 50 लाख नए कार्ड का इस्तेमाल जनवरी से मई तक के पांच महीने में शुरू हुआ. सिर्फ अप्रैल और मई महीने के दौरान करीब 20 लाख नए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल में आए.
इस तरह बढ़ी क्रेडिट कार्ड की संख्या
आंकड़ों के अनुसार, जहां जनवरी, 2023 में देश में 8.24 करोड़ सक्रिय क्रेडिट कार्ड थे, उनकी संख्या बढ़कर फरवरी में 8.33 करोड़, मार्च में 8.53 करोड़ और अप्रैल में 8.65 करोड़ कार्ड पर पहुंच गई. संख्या बढ़ने के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का औसत खर्च भी बढ़ा है और अब यह 16,144 रुपये नए उच्च स्तर पर है.
सबसे आगे है एचडीएफसी बैंक
अभी क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में पहले स्थान पर प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक है. मई तक एचडीएफसी बैंक के 1.81 करोड़ क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल हो रहे थे. क्रेडिट कार्ड के कुल बकाए में भी 28.5 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ एचडीएफसी बैंक पहले स्थान पर है. मई तक के आंकड़ों के अनुसार, 1.71 करोड़ एक्टिव क्रेडिट कार्ड के साथ एसबीआई कार्ड को दूसरा स्थान मिला. इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक के 1.46 करोड़ कार्ड और एक्सिस बैंक के 1.24 करोड़ क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल में हैं.
10 साल में 4 गुणा बढ़ा इस्तेमाल
मिंट की एक हालिया रिपोर्ट क्रेडिट कार्ड के बकाए को लेकर रिजर्व बैंक से कुछ अलग तस्वीर पेश करती है. रिपोर्ट में दावा है कि भारतीय क्रेडिट कार्ड होल्डर का कुल बकाया अप्रैल में ही 2 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में देश में क्रेडिट कार्ड की संख्या 4 गुणा बढ़ी है. इनका इस्तेमाल किस हिसाब से बढ़ा है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अब यह लेन-देन में यूपीआई के दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला साधन बन गया है.
इस कारण अलार्मिंग हैं आंकड़े
बकाये के ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इसे एक तरफ भले ही बैंक ग्रोथ की तरह देख रहे हैं, लेकिन साथ ही यह बैलेंस शीट बिगाड़ने वाला भी साबित हो सकता है. क्रेडिट कार्ड एक तरह से ऐसे लोन हैं, जो अनसिक्योर्ड होते हैं. सरल शब्दों में कहें तो क्रेडिट कार्ड का बकाया रिकवर करना बैंकों के लिए बहुत मुश्किल काम है, क्योंकि उसके एवज में कोई गारंटी नहीं होती है.
इन देशों की जीडीपी से ज्यादा
अब इस उधारी के आंकड़े को अच्छे से समझने के लिए एक और दिलचस्प आंकड़ा देखते चलिए. 2 लाख करोड़ रुपये को मौजूदा रेट के हिसाब से डॉलर में कनवर्ट करें तो यह करीब 25 बिलियन डॉलर हो जाता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, अभी दुनिया में करीब 80 देशों की जीडीपी का साइज 25 बिलियन डॉलर से कम है. इनमें आइसलैंड, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, बोस्निया एंड हर्जगोविना, लेबनान, जांबिया, यमन, हैती जैसे देश शामिल हैं. इसका मतलब हुआ कि भारत के क्रेडिट कार्ड यूजर्स के ऊपर अभी बैंकों का जितना बकाया है, वह कई देशों की पूरी अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है.
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