भारत में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं. बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के साथ ही क्रेडिट कार्ड की पहुंच भी बढ़ रही है. इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में भी बदलाव हो रहा है. रिजर्व बैंक अब इस मामले में एक नया बदलाव करने की तैयारी में है. यह बदलाव अमल में आने के बाद क्रेडिट कार्ड के मामले में भी ग्राहकों को उसी तरह से पोर्ट करने की सुविधा देगा, जैसा अभी मोबाइल नंबर के मामले में मिलता है.


क्रेडिट कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी


मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी यानी एमएनपी अब कोई नई चीज नहीं रह गई है. ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के उद्देश्य से एमएनपी की शुरुआत की गई थी. अगर आप अपने मौजूदा सर्विस प्रोवाइडर से खुश नहीं हैं तो आप अपना मोबाइल नंबर आराम से पोर्ट करा सकते हैं. रिजर्व बैंक कुछ ऐसा ही क्रेडिट कार्ड के मामले में करना चाहता है. इसे क्रेडिट कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी नाम दिया गया है.


क्या है क्रेडिट कार्ड नेटवर्क?


आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये क्रेडिट कार्ड नेटवर्क क्या है? अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपने अपने कार्ड पर मास्टर कार्ड, वीजा, रूपे, डाइनर्स क्लब आदि का नाम देखा होगा. ये ही क्रेडिट कार्ड नेटवर्क हैं. बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए इन नेटवर्क के साथ टाई-अप करते हैं. ये नेटवर्क क्रेडिट कार्ड से लेन-देन को संभव बनाते हैं. एक तरह से ये विभिन्न बैंकों के बीच पुल की तरह काम करते हैं.


रिजर्व बैंक का ड्राफ्ट


रिजर्व बैंक का कहना है कि ग्राहकों को अपना पसंदीदा क्रेडिट कार्ड नेटवर्क चुनने की सुविधा मिलनी चाहिए. इसे लेकर रिजर्व बैंक ने ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है. अगर यह ड्राफ्ट नियम बन जाता है तो बैंक आपको अपनी मर्जी से किसी भी नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड नहीं पकड़ा पाएंगे. बैंकों को ग्राहकों से पूछना पड़ेगा कि उन्हें किस नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड चाहिए.


पुराने कार्ड पर ऐसे मिलेगी सुविधा


अब सवाल उठता है कि अगर किसी के पास पहले से क्रेडिट कार्ड है और वह उसका नेटवर्क बदलना चाहता है, तो क्या यह संभव है? रिजर्व बैंक ने ड्राफ्ट में इसके लिए भी प्रावधान किया है. हर क्रेडिट कार्ड की एक वैलिडिटी होती है, जो 1 साल, 2 साल, 4 साल आदि हो सकती है. इसके लिए आप अपने कार्ड की एक्सपायरी डेट देख सकते हैं. उसके बाद कार्ड को रीन्यू कराना होता है. पुराने ग्राहकों को रीन्यू कराते समय नेटवर्क बदलने का विकल्प मिलेगा.


फायदे में रहेंगे ग्राहक


रिजर्व बैंक के इस प्रावधान से सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को होने वाला है. अलग-अलग नेटवर्क अपने कार्ड पर अलग-अलग तरीके के फीचर देते हैं. किसी की फीस कम होती है, तो कोई ज्यादा रिवार्ड देता है. इसी तरह हर नेटवर्क के कैशबैक व यूजेज रिवार्ड अलग होते हैं. नेटवर्क बदलने की सुविधा मिलने पर यूजर अपने इस्तेमाल के हिसाब से उपयुक्त नेटवर्क को चुन सकेगा.


रूपे की भी लगेगी लॉटरी


इसके साथ ही स्वदेशी नेटवर्क रूपे को इससे बड़ा फायदा हो सकता है. रिजर्व बैंक ने कुछ समय पहले ही क्रेडिट कार्ड के लिए यूपीआई सुविधा की शुरुआत की है. हालांकि यह सुविधा हर किसी के लिए नहीं है. सिर्फ रूपे कार्ड के यूजर ही यूपीआई के जरिए अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में नेटवर्क बदलने की सुविधा मिलने पर बड़ी संख्या में यूजर रूपे को अपना सकते हैं.


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