Credit Card Tips: क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट के लिए यूज कर रहें हैं EMI ऑप्शन! इन 3 जरूरी बातों का रखें ध्यान
Credit Card EMI Option: बता दें कि ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड के फीस और ईएमआई ऑप्शन को चुनने से पहले यह ध्यान नहीं देते हैं कि इस ऑप्शन पर उन्हें कितना ब्याज देना होगा.
Credit Card EMI Option Tips: पिछले कुछ वक्त में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. आजकल कई बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर कई तरह की तरह के कैशबैक (Credit Card Cashback) और डिस्काउंट (Credit Card Discount) का लाभ देते रहते हैं. इस कारण आजकल लोग क्रेडिट कार्ड का जमकर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार क्रेडिट कार्ड का बिल (Credit Card Bill) बहुत ज्यादा हो जाता है तो उन्हें एकमुश्त पैसा जमा करने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी को दूर करने के लिए कंपनियों ने ग्राहकों को ईएमआई ऑप्शन भी दिया है.
इसके जरिए आप आसानी से छोटी किस्तों में क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट कर सकते हैं. आमतौर पर क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट के लिए ईएमआई ऑप्शन बहुत आसान होता है, लेकिन इस ऑप्शन को चुनने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आपको बाद में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आइए हम आपको आज बताने वाले हैं कि क्रेडिट कार्ड का ईएमआई ऑप्शन चुनने से पहले किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है-
1. ईएमआई पर कितना लगेगी फीस और बाकी चार्ज
बता दें कि ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड के फीस और ईएमआई ऑप्शन को चुनने से पहले यह ध्यान नहीं देते हैं कि इस ऑप्शन पर उन्हें कितना ब्याज देना होगा. क्रेडिट कार्ड का प्रोसेसिंग चार्ज वह चार्ज है जो आपको क्रेडिट कार्ड लेते वक्त कंपनी को देना पड़ता है. वहीं फोरक्लोजर या प्री-पेमेंट चार्ज वह चार्ज है जो ईएमआई (EMI) की किस्तों को बंद करते वक्त देना पड़ता है. ऐसे में आप किसी प्रकार की ईएमआई ऑप्शन (Credit Card EMI Option) को चुनने से पहले उसके ब्याज दर और प्रीपेमेंट चार्ज के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें.
2. EMI की सही अवधि को चुनें
क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट (Credit Card Bill) के लिए ईएमआई ऑप्शन को चुनने से पहले आपको उस पेमेंट की सही अवधि को चुनना बहुत जरूरी है. ईएमआई का ऑप्शन चुनने से पहले इसकी अवधि के बारे में जान लें. अगर आप लंबी अवधि का कम ब्याज दर ऑप्शन चुनते हैं तो आप ज्यादा राशि का भुगतान करना होगा. वहीं ज्यादा ब्याज दर छोटी अवधि का ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसमें कंपनी आपसे कुछ ब्याज कम वसूल पाएंगी.
3. कैशबैक, रिवॉर्ड प्वाइंट्स और डिस्काउंट पर दें ध्यान
क्रेडिट कार्ड यूजर्स हमेशा अपने बिल को ईएमआई में बदले से पहले इस बात का ध्यान रखें कि लंबी अवधि में क्रेडिट कार्ड के बिल के पेमेंट पर आपको किसी प्रकार के रिवॉर्ड पॉइंट्स (Reward Points) या कैशबैक (Cashback) का फायदा नहीं मिलेगा. ऐसे में अपने बिल को ईएमआई में बदलने से पहले कैशबैक और डिस्काउंट के होने वाले नुकसान का आकलन कर लें.
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