Credit Guarantee Scheme: 80 लाख छोटे उद्योगों को सरकार ने दी कर्ज की गारंटी, आईडिया पर भी खर्च किए 43 करोड़ रुपये
MSME Sector: केंद्र सरकार ने देश में रोजगार बढ़ाने, पलायन रोकने और सस्ते उत्पाद विकसित करने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट का गठन किया था. इसने लोगों को बिना कुछ गिरवी रखे लोन दिलाने में मदद की.
MSME Sector: केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रखी हैं. सबसे ज्यादा ध्यान सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (MSME Sector) को आगे बढ़ाने पर है. इसके चलते सन 2000 में क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (Credit Guarantee Fund Trust) का गठन किया गया था. इसकी मदद से अब तक करीब 80 लाख छोटे कारोबारियों को लगभग 5.33 लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंच चुका है. इसकी मदद से देश में न सिर्फ रोजगार पैदा हुए हैं बल्कि मैन्यूफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिला है. साथ ही सरकार ने नए आईडिया को आगे बढ़ाने के लिए करीब 43 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
5.33 लाख करोड़ रुपये दिए गए
लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा (Bhanu Pratap Verma) ने बताया कि इस ट्रस्ट के माध्यम से नवंबर, 2023 तक 79.53 लाख से ज्यादा छोटे एवं मध्यम कारोबारियों तक सहायता पहुंचाई गई इन लोगों को 5.33 लाख करोड़ रुपये इस स्कीम के माध्यम से दिए गए.
टॉप-3 में रहे महाराष्ट्र, यूपी और तमिलनाडु
सबसे ज्यादा रकम महाराष्ट्र में दी गई यहां 62807 करोड़ रुपये की गारंटी दी गई. इसके अलावा दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश रहा, जहां 52998 करोड़ रुपये दिए गए. तमिलनाडु में 42270 करोड़ और गुजरात में 42162 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी दी गई. इस योजना के अंतर्गत छोटे कारोबारियों को कर्ज लेने के लिए न तो कुछ गिरवी रखना पड़ता है, न ही उन्हें थर्ड पार्टी गारंटी देनी होती है.
आइडिया के विकास पर भी हो रहा काम
उन्होंने बताया कि मंत्रालय देश में नए विचारों को आगे बढ़ाने पर भी काम कर रहा है. सरकार की कोशिश है कि नए विचारों को मूर्त रूप देकर उन्हें बाजार में उतारा जाए. इसके तहत 533 आईडिया को आगे विकसित करने की मंजूरी दी गई है. सरकार ने पिछले तीन साल में इन पर 43.30 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को दिया गया बढ़ावा
भानु प्रताप वर्मा ने बताया कि सरकार ने एमएसएमई सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं. इसके लिए कई स्कीम चलाई जा रही हैं. साथ ही कई मंत्रालयों के सहयोग से जगह-जगह टेस्ट एवं रिसर्च लैब की स्थापना भी की गई है.
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