Crisil Report: भारतीय कंपनियों का मुनाफा मार्जिन लगातार तीसरी तिमाही (अप्रैल-जून- 2022) में घटने की आशंका है. क्रिसिल रेटिंग्स की एक इकाई ने सोमवार को यह बात कही है. क्रिसिल रिसर्च ने वित्तीय सेवाओं और तेल तथा गैस क्षेत्र को छोड़कर 300 कंपनियों का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.
2-3 फीसदी की आ सकती है गिरावट
एजेंसी ने कहा कि जून तिमाही के लिए परिचालन मुनाफा मार्जिन में सालाना आधार पर 2-3 फीसदी अंक की गिरावट आ सकती है. इस दौरान 47 क्षेत्रों में से लगभग आधे में मार्जिन घटने की आशंका है.
सालाना आधार पर होगी 30 फीसदी की ग्रोथ
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के राजस्व में सालाना आधार पर 30 फीसदी की अच्छी ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान है. ऐसा कीमतों में बढ़ोतरी और मामूली रूप से मात्रा में हुई वृद्धि के चलते है.
तिमाही नतीजों पर पड़ा असर
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान भू-राजनीतिक तनाव और भारतीय रुपये में रिकॉर्ड गिरावट जैसे विपरीत हालात का सामना करना पड़ा है. इसका असर तिमाही नतीजों पर पड़ा है.
परिचालन लाभ मार्जिन में सबसे ज्यादा गिरावट
एजेंसी ने कहा कि निर्माण से जुड़े क्षेत्रों में परिचालन लाभ मार्जिन में सबसे अधिक 9.90 फीसदी से अधिक की गिरावट की आशंका है. इसके बाद निवेश से जुड़े खंड में 2.60 फीसदी से अधिक की गिरावट आ सकती है. दूसरी ओर उपभोक्ता विवेकाधीन सेवाओं और उत्पादों के परिचालन लाभ मार्जिन में तीन फीसदी तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. ऐसा मुख्य रूप से विमानन सेवाओं के बेहतर प्रदर्शन के चलते है. इसके अलावा दूरसंचार तथा मीडिया और मनोरंजन खंड का प्रदर्शन भी अच्छा रहेगा.
EBITDA मार्जिन घटने की उम्मीद
क्रिसिल रिसर्च के निदेशक हेतल गांधी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय यानी ईबीआईटीडीए मार्जिन घटकर 19-21 फीसदी तक आ सकता है. ऐसा मुख्य रूप से ईंधन और धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते होगा.
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