Crude Oil Imports: रूस से कच्चे तेल का आयात बहुत कम, आपूर्ति कम होने की आशंका नहीं, जानें क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति कम होने की आशंकाओं को दूर करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में जरूरी जानकारी दी
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति कम होने की आशंकाओं को दूर करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि रूस से कच्चे तेल का आयात एक प्रतिशत से भी कम है. पुरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान सवालों के जवाब में यह जानकारी दी और कहा कि चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक यह कुल आयात का केवल 0.2 प्रतिशत है.
60 प्रतिशत हिस्सा खाड़ी से आता है
उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रतिदिन कुल 50 लाख बैरल की जरूरत है. इसका 60 प्रतिशत हिस्सा खाड़ी से आता है. हमने रूस से केवल 4.19 लाख मीट्रिक टन का आयात किया है जो कुल आयात का 0.2 प्रतिशत (इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान) है."
जानें क्या बोले हरदीप सिंह पुरी
उन्होंने कहा, "हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं जहां तक रूस से तेल आयात का सवाल है, मीडिया में जो बताया गया है, उसके विपरीत, यह बहुत कम है." उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने कच्चे तेल की अपनी जरूरत का 85 फीसदी और प्राकृतिक गैस की जरूरत का 54 फीसदी आयात किया.
इराक से होता है सबसे ज्यादा आयात
भारत कच्चे तेल का आयात मुख्य रूप से इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया और अमेरिका से करता है. रूस से कच्चे तेल का आयात कुल मात्रा के एक प्रतिशत से भी कम है. उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अत्यधिक अस्थरिता की मौजूदा स्थिति में सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और इस समय हाइड्रोकार्बन ऊर्जा करारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ रहा है.
पुरी ने कहा कि भारतीय तेल कंपनियों ने रूस में (अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल से) लगभग 16 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है और उनमें से कुछ निवेश काफी लाभप्रद हैं.
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