बीते सप्ताह के अंत में दुनिया का सामना एक और युद्ध से हुआ है. पूर्वी यूरोप में डेढ़ साल से जयादा समय से चल रहे युद्ध के बाद अब पश्चिम एशिया में नया युद्ध शुरू हो चुका है. पश्चिम एशिया में उभरे इस तनाव ने कच्चे तेल के भाव में आग लगा दी है, जो एक झटके में 5 फीसदी तक उछल गए हैं.


पश्चिम एशिया का इलाका पूरी दुनिया के लिए काफी अहम है, क्योंकि उसी इलाके से दुनिया की जरूरत के एक-तिहाई कच्चे तेल की आपूर्ति होती है. हमास के द्वारा शनिवार की सुबह इजरायल पर हमला करने के बाद पश्चिम एशिया की स्थिति फिर से डंवाडोल हो गई है. हमास से इजरायल पर इतना भयानक हमला किया है, जिसकी किसी ने सपने में भी उम्मीद न की होगी. एनालिस्ट इसे इजरायल के पिछले 50 सालों के इतिहास का सबसे भयानक हमला मान रहे हैं.


फिलहाल नहीं मिल रहे थमने के संकेत


हमास के हमले में बड़ी संख्या में औरतों व बच्चों-बुढ़ों समेत हजारों लोगों की मौत हुई है, जबकि कइयों को बंधक बनाया गया है. उसके बाद इजरायल ने युद्ध का आधिकारिक ऐलान कर दिया है. दुनिया भी इस युद्ध को लेकर दो खेमे में बंटती नजर आ रही है. फिलहाल युद्ध के जल्द समाप्त होने के कोई संकेत भी नहीं मिल रहे हैं.


अभी इतना है कच्चे तेल का भाव


ब्लूमबर्ग की एक खबर के अनुसार, पश्चिमी एशिया में युद्ध छिड़ने के बाद कच्चे तेल के भाव में 5 फीसदी तक की तेजी आई है. बाजार में युद्ध से संबंधित प्रीमियम का दौर लौट आया है और इससे वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 87 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया है. रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, ब्रेंट क्रूड में 4.18 डॉलर यानी 4.99 फीसदी की तेजी देखी गई है और यह 88.76 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है. वहीं डब्ल्यूटीआई 5.11 फीसदी बढ़कर 87.02 डॉलर प्रति बैरल हो गया है.


एक सप्ताह पहले आई बड़ी गिरावट


कच्चे तेल के दाम में यह उछाल ऐसे समय आई है, जब वापस भाव में नरमी आने लग गई थी. पिछले सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड के फ्यूचर में करीब 11 फीसदी की और डब्ल्यूटीआई के फ्यूचर में करीब 8 फीसदी की गिरावट आई थी. यह मार्च के बाद किसी एक सप्ताह में कच्चे तेल के भाव की सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि अब फिर कच्चे तेल में तेजी का ट्रेंड वापस लौट आया है.


बाजार को इस बात का है डर


दरअसल इजरायल पर हमास के द्वारा किए गए हमले को ईरान से जोड़ा जा रहा है. ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इस हमले में ईरान की इंटेलीजेंस की सीधी भागीदारी है. इजरायल हमले का आरोप ईरान पर लगा चुका है. वहीं इजरायल पर हमले के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया है. ईरान ने तो हमले को लेकर हमास की सराहना भी की है. अब ऐसे में बाजार को डर सता रहा है कि फिर से ईरान की सप्लाई रोक दी जा सकती है, जो कच्चे तेल के भाव को और बढ़ा सकता है.


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