Crude Oil Price: आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दामों में और आग लग सकती है. कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल को पार करते हुए 107 डॉलर प्रति डॉलर जा सकती है. गोल्डमन सैक्स (Goldman Sachs) का मानना है कि रूस और सऊदी अरब ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के अपने फैसले को बरकरार रखा तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 107 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है.
रूस और सऊदी अरब के फैसले से बढ़ा दबाव
गोल्डमन सैक्स (Goldman Sachs) ने कहा कि ओपेक+ (OPEC+) देश 2024 में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के फैसले को वापस नहीं लेते हैं तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 107 डॉलर प्रति के लेवल तक जा सकता है. मंगलवार 5 सितंबर 2023 को सऊदी अरब ने दिसंबर तक एक मिलियन बैरल कच्चे तेल में कटौती करने का फैसला लिया है. वहीं सऊदी अरब ने कहा कि वो इस बात की समीक्षा करेगा कि और कटौती कि आवश्यकता है या नहीं. रूस ने भी दिसंबर तक 3 लाख बैरल कच्चे तेल के एक्सपोर्ट में कटौती करने का फैसला किया है. दोनों ही देशों के इस फैसले के बाद कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जाते हुए 91 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर जा पहुंचा है.
भारत में बढ़ सकती है महंगाई
कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी और 107 डॉलर प्रति बैरल तक जाने की गोल्डमन सैक्स की भविष्यवाणी सच साबित हुई तो भारत की मुसीबतें बढ़ सकती है. भारत में कच्चे तेल के दामों में उछाल से महंगाई बढ़ने का खतरा है. सरकारी तेल कंपनियों पर पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा. वहीं उनके मुनाफे में कमी आएगी. सरकार के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले पेट्रोल डीजल सस्ता करने के प्रयासों को झटका लगेगा. रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोर होगा.
यूक्रेन युद्ध के बाद कीमतों में आई थी तेज उछाल
इससे पहले रूस के यूक्रेन पर फरवरी 2022 में हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तेज उछाल देखने को मिली थी और कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची थी. हालांकि इसके बाद कीमतों में गिरावट आ गई. जून 2008 में दुनियाभर में फाइनेंशियल क्राइसिस के दस्तक देने से पहले कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा था.
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