Crude Oil Price Hike: रूस यूक्रेन के बीच बातचीत बेनतीजा रहने के चलते फिर कच्चे तेल के दामों में लगी आग, 111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा क्रूड ऑयल
Crude Oil Price Update: दो वजहों से कच्चे तेल के दामों में तेजी है. पहला रूस-यूक्रेन युद्ध तो दूसरी वजह है चीन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले.
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Crude Oil At 111 Dollar Per Barrel: सोमवार को एक बार फिर कच्चे तेल के दामों में उबाल देखने को मिल रहा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 111 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा है. जबकि पिछले हफ्ते 130 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने के बाद कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल बैरल के नीचे जा फिसला था. लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और दोनों देशों के बीच बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलने के चलते इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेट क्रूड ऑयल फिर से 111 डॉलर प्रति बैरल के उपर ट्रेड कर रहा है.
क्यों फिर बढ़े कच्चे तेल के दाम
जानकारों के मुताबिक दो वजहों से कच्चे तेल के दामों में तेजी है. पहला रूस-यूक्रेन युद्ध तो दूसरी वजह है चीन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले. रूस और यूक्रेन के अधिकारी आपस में मिल रहे हैं तो इस बातचीत बेनतीजा साबित हो रहा है. यूक्रेम के राष्ट्रपति तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका जाहिर कर रहे हैं इसलिए भी कच्चे तेल के दामों में उबाल है.
और महंगा होगा कच्चा तेल
कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. 2022 में कच्चे तेल के दामों में 40 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते दो महीने से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 111 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान कर रहे है जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है.
इनके लिए बढ़ गए डीजल के दाम
रेलवे और राज्यों के रोडवेज और दूसरे बल्क यूजर्स के लिए सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल के दामों में 25 रुपये प्रति लीटर तक की जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी है. हालांकि पेट्रोल पंपों पर बेचे जाने वाले पेट्रोल डीजल के दामों में अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है. जबकि कच्चा तेल एक दिसंबर के बाद से 50 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है. देश में 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पहले देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे ते इसलिए दामों में बदलाव नहीं किया गया था लेकिन अब माना जा रहा है कि सरकार उन उपायों पर मंथन कर रही कि कैसे आम आदमी पर कम से कम भार डाला जा सके.
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