Crude Oil Prices Update: कच्चा तेल (Crude Oil) वैसे ही 115 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है. उस पर से सऊदी अरब ( Saudi Arab) के विदेशी मंत्री का बयान कच्चे तेल की कीमतों को और हवा दे सकता है जो भारत की मुश्किलें बढ़ाने का काम करेगा. सऊदी अरब के विदेशी मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान (Prince Faisal bin Farhan) ने कहा है कि कच्चे तेल के बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए फिलहाल वो कोई प्रयास नहीं करने जा रहा है. डावोस ( Davos) में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( World Economic Forum) की बैठक में उन्होंने कहा कि फिलहाल कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और सऊदी अरब को उपलब्धता बढ़ाने के लिए जो कुछ करना वो कर चुका है.
सऊदी अरब है सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल का एक्सपोर्टर देश है. दरअसल रूस दुनिया के सबसे तेल उत्पादक देशों में से एक है. और जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला है तब से कच्चे तेल के दामों में बीते एक सालों में 70 फीसदी का उछाल आ चुका है. तो रूस के हमले के बाद से 20 फीसदी से ज्यादा कच्चे तेल के दामों में तेजी आई है. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हुई है जिसके चलते दाम बढ़े हैं.
भारत की मुश्किल
कच्चे तेल के दामों में इजाफे के चलते भारत में सरकारी तेल कंपनियों को 22 मार्च 2022 के बाद से 10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने पड़े हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत दिलाने के लिए पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल 6 रुपये प्रति एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया है. जिससे पेट्रोल 9.50 रुपये तक तो डीजल 7 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हुआ है. 6 अप्रैल 2022 के बाद से सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है. जबकि कच्चे तेल के दामों में तेजी बनी हुई है. माना जा रहा है तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर भारी भरकम नुकसान का सामना करना पड़े रहा है.
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