Crude Oil Price Update: 7 सालों के उच्चतम स्तरों से फिसला कच्चा तेल, रुस यूक्रेन के बीच तनाव घटने के बाद कच्चे तेल के दामों में आई नरमी
Crude Price Price: रुस और यूक्रेन के बीच तनाव घटने के चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल के दामों में 3 फीसदी की कमी आई है.
Crude Price Price: भारत के लिए अच्छी खबर है. रुस और यूक्रेन के बीच तनाव घटने के चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल जो 96 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा था उसके दामों में 3 फीसदी की कमी आई है. यानि ऊपरी स्तरों से 2.87 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल के दामों में कमी आई है और ये 93.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
दरअसल रुस यूक्रेन के बीच तनाव के चलते पिछले कई दिनों से कच्चे तेल के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही थी. और ये आशंका जताई जा रही थी कि कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकता है. लेकिन मंगलवार 15 फरवरी 2022 को खबर आई कि रुस ने 1.30 लाख जवान वापस बुला लिये हैं जिसके बाद कच्चे तेल के दामों में नरमी आई. तनाव के चलते आशंका जताई जा रही थी कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है जिसके चलते दामों में इजाफा देखा जा रहा था.
आपको बता दें सितंबर 2014 के बाद कच्चा तेल सबसे उच्चतम स्तर 96.78 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पर जा पहुंचा. नए वर्ष 2022 में कच्चे तेल के दामों में 18 से 20 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते डेढ़ महीने से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 34 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
हालांकि पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल आ चुका है. सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों में इजाफा होने के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ा रही हैं. लेकिन चुनावों के बाद वे घाटा पूरा करने के लिए जरुर कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी. लेकिन मुश्किल यही खत्म नहीं होती क्योंकि कच्चे तेल के दामों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों की मानें तो कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार जा सकता है.
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