Crude Oil Update: ऊर्जा का आयात और खपत करने वाले विश्व के तीसरे सबसे बड़े देश भारत ने शनिवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण किसी तरह के आपूर्ति व्यवधान की आशंका के मद्देनजर वह वैश्विक ऊर्जा बाजारों (global energy markets) पर करीब से नजर रख रहा है. भारत ने यह भी कहा कि कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए वह रणनीतिक भंडारों से तेल जारी करने को समर्थन देगा.


रूस के यूक्रेन पर हमला करने के परिणामस्वरूप 24 फरवरी को इंटरनेशनल लेवल पर तेल की कीमतें सात वर्ष के सर्वकालिक रिकॉर्ड लेवल 105.58 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. इसके बाद में पश्चिम देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद इन दरों में कमी आई और ये 100 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं.


तेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर करीब से नजर रख रही है, जिससे बदलती भूराजनीतिक परिस्थिति के परिणाम स्वरूप ऊर्जा की आपूर्ति संबंधी व्यवधानों के बारे में पता चल सके.’’ इसमें कहा गया, ‘‘मौजूदा आपूर्ति स्थिर कीमतों पर जारी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए भारत उचित कदम उठाने के लिए तैयार है.’’


बयान में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि का उपभोक्ता मूल्य पर क्या असर होगा इसके बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया. इसमें कहा गया, ‘‘भारत रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार से तेल जारी करने की पहल का समर्थन करने, बाजार में उतार-चढ़ाव को कम करने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए भी प्रतिबद्ध है.’’


इंटरनेशनल लेवल पर तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए भारत ने अमेरिका, जापान और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर पिछले वर्ष नवंबर में अपने आपातकालीन भंडार से 50 लाख बैरल कच्चा तेल जारी करने पर सहमति जताई थी. तब कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 82-84 प्रति बैरल थी. बयान में यह नहीं बताया गया कि भारत कच्चा तेल कितनी मात्रा में जारी करेगा.


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