Crude Oil Price: कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट, NDA सरकार के गठन के बाद क्या मिलेगी राहत?
Crude Oil Price Today: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद मोदी सरकार पेट्रोल डीजल की कीमतों पर राहत देने से बचती रही थी लेकिन गठबंधन सरकार में उसके लिए ऐसा करना संभव नहीं हो सकेगा.
Crude Oil Price: केंद्र में जल्द ही नई सरकार का गठन होने जा रहा है. और कच्चे तेल की कीमतों के मोर्चे पर नई सरकार को सबसे बड़ी राहत मिलने वाली है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. कच्चे तेल के दाम चार महीने के निचले स्तर 77 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. कच्चे तेल के दामों में गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत वाली खबर ला सकती है.
4 महीने के निचले लेवल पर कच्चा तेल
कच्चे तेल के दाम करीब 8 फीसदी की गिरावट के साथ 84 डॉलर प्रति बैरल से घटकर पिछले पांच सेशन में 77 डॉलर प्रति बैरल पर जा लुढ़का है. ब्रेंट क्रूड प्राइस 77.97 डॉलर प्रति बैरल पर फिलहाल कारोबार कर रहा है. जबकि WTI क्रूड 73.68 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. ओपेक+ देशों के कच्चे तेल के प्रोडक्शन घटाने के फैसले का बावजूद कच्चे तेल के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है. और आने वाले समय में कटौती में थोड़ी राहत दी जा सकती है. ऐसे में कच्चे तेल के दामों में अब ज्यादा तेजी के आसार नहीं नजर आ रहे. जबकि हमास - इजरायल के बीच पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुए तनाव के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी.
महंगाई के चलते हुआ चुनावी नुकसान
कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल बना रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों में आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है और सरकार बनाने के लिए सहयोगियों की जरूरत पड़ रही है. ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में ये भविष्यवाणी की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ अपने दम पर सरकार बनाएगी. लेकिन बहुमत नहीं मिलने के कारण केंद्र में मोदी सरकार नहीं बल्कि एनडीए सरकार बनने की सूरत नजर आ रही है. विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान महंगाई को लेकर मोदी सरकार को जमकर घेरा है. जिसका बीजेपी को चुनावों में खामियाजा भी उठाना पड़ा है. ऐसे में जिन सहयोगी दलों के समर्थन से केंद्र में एनडीए सरकार बनने जा रही है वे कच्चे तेल के दामों में भारी कमी के बाद सरकार पर पेट्रोल डीजल के दाम घटाने का दबाव बना सकते हैं.
लोकलुभावन एलान का बढ़ेगा दबाव
लोकसभा चुनाव के आगाज होने से पहले मार्च 2024 में मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. कई ब्रोकरेज हाउसेज का मानना है कि बहुमत नहीं मिलने के बाद नई सरकार पर लोकलुभावन घोषणा करने का दबाव बढ़ेगा. यूबीएस (UBS) ने भी अपने नोट में कहा है कि तीसरे कार्यकाल में आम लोगों के लिए लोकलुभावन एलानों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. कच्चा तेल की कीमतों में तेज गिरावट के बावजूद मोदी सरकार अपने पहले दो कार्यकाल के दौरान पेट्रोल डीजल के दाम घटाने से कतराती रही है. लेकिन अब बदले हालात में उसेके लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा.
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