Petrol Diesel Prices: 6 महीने के निचले स्तर पर आया कच्चा तेल, फिर क्यों नहीं मिली महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत?
Petrol Diesel Price Today: सरकारी तेल कंपनियों को अभी भी डीजल बेचने पर नुकसान हो रहा है. हालांकि पेट्रोल बेचने पर कोई नुकसान नहीं हो रहा.
Why No Relief From Costly Petrol Diesel Prices: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 6 महीने के निचले स्तरों पर आ पहुंचा है. बावजूद इसके पेट्रोल डीजल के ऊंचे दामों से आम लोगों को कोई राहत नहीं मिली है. दो महीने में कच्चा तेल 30 फीसदी सस्ता हुआ तो एक महीने में 18 फीसदी के करीब दाम घटे हैं. लेकिन आम लोगों को अपनी गाड़ियों में महंगा पेट्रोल डीजल डलवाना पड़ रहा है. सरकारी तेल कंपनियों ने कच्चे तेल के दामों में कमी के बावजूद पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है.
क्यों नहीं घट रहे दाम
7 अगस्त 2022 को कच्चे तेल के दाम 92 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया. फिर भी क्या आप जानते हैं सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों के 6 महीने के निचले स्तर पर आने के बावजूद दाम क्यों नहीं घटा रहे? दरअसल जिन दिनों कच्चे तेल के दामों में उछाल देखा जा रहा है सरकारी तेल कंपनियों को डीजल बेचने पर 20 से 25 रुपये प्रति लीटर तक का नुकसान हो रहा था. तो पेट्रोल बेचने पर 14 से 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. लेकिन कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट के बाद सरकारी तेल कंपनियों को रहे नुकसान में कमी आई है. पेट्रोल बेचने पर सरकारी तेल कंपनियों को फिलहाल कोई नुकसान नहीं हो रहा है. हालांकि डीजल बेचने पर अभी उन्हें 4 से 5 रुपये प्रति लीटर का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
दाम फिलहाल घटने के आसार नहीं
कच्चे तेल के दामों में कमी के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों दाम नहीं घटायेंगी. दरअसल कच्चे तेल के दामों में इजाफे के बावजूद 6 अप्रैल, 2022 के बाद से इन कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया. जिसके चलते 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच सरकारी तेल कंपनियों को 18,490 करोड़ रुपये का हुआ है. जिसमें इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन का मुनाफा 86 फीसदी घट गया , तो बीपीसीएल को इस तिमाही में 6290 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,192 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. फिलहाल राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है जो 105.41 रुपये से उच्च लेवल से कम है. तो डीजल 89.62 रुपये लीटर में मिल रहा है जबकि पहले 96.67 रुपये लीटर में मिल रहा था. 21 मई को सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कमी करने के चलते कीमतें घटी है.
कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी
मूडीज एनालटिक्स (Moody's Analytics) से लेकर सिटीग्रुप (Citigroup) ने भी कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है. इससे पहले सिटीग्रुप (Citigroup) ने भी कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट की भविष्यवाणी की थी. सिटीग्रुप (Citigroup) ने कहा था कि के मुताबिक 2022 के आखिर तक कच्चे तेल के दाम ( Crude Oil Price) फिसलकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है. तो 2023 के आखिर तक दाम घटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. बहरहाल कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई तो भारत के लिए सबसे अच्छी खबर होगी. एक तरफ पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की जा सकती है भले ही त्योहारों के दौरान या गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले हो.
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