साल 2023 आर्थिक लिहाज से दुनिया के लिए ठीक नहीं साबित हो रहा है. पिछले साल से जारी छंटनी की रफ्तार के बाद अमेरिका से शुरू हुए बैंकिंग संकट (US Banking Crisis) ने पूरी दुनिया को आर्थिक मंदी की दहलीज पर ला दिया है. इनके अलावा आर्थिक मोर्चे पर हो रहे डेवलपमेंट भी इन्वेस्टर्स और एक्सपर्ट्स की नींदे उड़ा रहे हैं. इन कारणों से मंगलवार को कच्चे तेल के भाव (Crude Oil Prices) में करीब 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.


इतनी हो गईं कीमतें


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को क्रूड ऑयल की कीमतों में करीब 5 फीसदी की गिरावट आई. कच्चा तेल के अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का वायदा भाव 3.99 डॉलर यानी 5 फीसदी कम होकर 75.32 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. इसी तरह अमेरिकी स्टैंडर्ड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड का भाव 4 डॉलर यानी 5.3 फीसदी टूटकर 71.66 डॉलर प्रति बैरल रह गया.


5 सप्ताह में सबसे कम


रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह कच्चा तेल के भाव में इस साल की सबसे बड़ी गिरावट में से एक है. शुरुआती जनवरी के बाद से क्रूड ऑयल का भाव एक दिन में 5 फीसदी से ज्यादा नहीं टूटा है. इस भारी-भरकम गिरावट के बाद क्रूड ऑयल की कीमतें 5 सप्ताह में सबसे कम हो गई हैं.


इन कारणों ने बढ़ाई चिंता


बैंकिंग संकट के चलते पहले से परेशान इन्वेस्टर्स की चिंताएं और बढ़ गई हैं. अमेरिका की वित्त मंत्री के एक हालिया बयान ने हर किसी को हलकान कर दिया है. अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Janet Yellen) ने हाल ही में बताया था कि अमेरिकी सरकार के हाथ एक महीने में खाली हो सकते हैं और ऐसे में कर्ज की किस्तें चुकाने में डिफॉल्ट की स्थिति सामने आ सकती है. दूसरी ओर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) ने प्रतिकूल होते हालात के बाद भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का संकेत दिया है. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) भारतीय समयानुसार बुधवार रात में इस संबंध में ऐलान करेंगे.


लुढ़क गए शेयर बाजार


इन कारणों से इन्वेस्टर्स ने चारों ओर से पैसे निकालने शुरू कर दिए. इन्वेस्टर्स की अफरा-तफरी से सिर्फ कच्चे तेल को ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि शेयर बाजारों को भी भारी गिरावट का सामना करना पड़ा. अमेरिकी शेयर बाजार के लिए मंगलवार काफी बुरा दिन साबित हुआ. एसएंडपी500 (S&P 500) और नास्डैक (Nasdaq) दोनों में 1-1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. बाजार को ऐसी आशंका है कि फेड रिजर्व ब्याज दरों को इस बार भी 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है. अगर ऐसा होता है तो बाजार के ऊपर आगे भी दबाव बना रह सकता है.


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