Crude Oil: भारत अपनी एनर्जी जरूरतों को पूरा करने के लिये रूस समेत किसी भी देश से तेल खरीदता रहेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रूसी तेल पर यूरोपीय संघ की पाबंदी लागू होने से पहले यह बात कही. यूरोपीय संघ (ईयू) के कार्यकारी निकाय ने 27 सदस्य देशों से रूसी तेल के लिये कीमत सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने को कहा है. पश्चिमी देशों के इस कदम का मकसद वैश्विक कीमतों और आपूर्ति को स्थिर बनाये रखते हुए रूस के तेल राजस्व को कम कर यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ने की उसकी क्षमता को प्रभावित करना है.


रूस सहित और देशों से भी तेल खरीदेगा भारत
अधिकारी ने कहा, "ईरान और वेनेजुएला के विपरीत रूस से तेल खरीदने पर कोई पाबंदी नहीं है. ऐसे में जो कोई भी पोत परिवहन, बीमा और वित्तपोषण की व्यवस्था कर सकता है, वह तेल खरीद सकता है. हम रूस सहित दुनिया में कहीं से भी तेल खरीदना जारी रखेंगे."


5 दिसंबर से लागू होगी कीमत व्यवस्था
कीमत सीमा व्यवस्था पांच दिसंबर से लागू होगी. इसके तहत यूरोप के बाहर रूसी तेल का परिवहन करने वाली कंपनियां तभी यूरोपीय संघ की बीमा और ब्रोकरेज सेवाओं का उपयोग कर सकेंगी, जब वे 60 अमेरिकी डॉलर या उससे कम में तेल बेचेंगी.


सभी ऑप्शन खुले हुए हैं
अधिकारी ने कहा, "व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो अगर मैं एक जहाज भेज सकता हूं, बीमा कवर कर सकता हूं और भुगतान का एक तरीका तैयार कर सकता हूं, तो रूस से तेल खरीदना जारी रखा जा सकता है." उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं. अधिकारी ने कहा, "कोई यह नहीं कह रहा कि रूस से तेल नहीं खरीदो. रूस कोई बड़ा आपूर्तिकर्ता नहीं है. भारत 30 देशों से आपूर्ति प्राप्त करता है. हमारे पास तेल खरीदने के कई स्रोत हैं. इसीलिए हमें किसी प्रकार की बाधा की कोई आशंका नहीं है."


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