Crude Oil Price: भारत के लिए बड़ी राहत की खबर है. कच्चे तेल के दाम (Crude Oil Price) 2022 के निचले स्तरों पर जा लुढ़का है. वैश्विक आर्थिक संकट ( Global Economic Crisis) के मद्देनजर सेंटीमेंट खराब होने के ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा लुढ़का है. ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) के दाम 78.65 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. तो डब्ल्युटीआई क्रूड (WTI Crude) दाम 73.49 डॉलर प्रति बैरल तक जा गिरा है.
80 डॉलर के नीचे फिसला कच्चा तेल
2022 में ये दूसरा मौका है जब ब्रेंट क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. फेडरल रिजर्व ( Federal Reserve) के ब्याज दर बढ़ाने की आशंकाओं और मंदी की संभावना के चलते कच्चे तेल में ये बड़ी गिरावट आई है. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की सख्त मॉनिटरी पॉलिसी का भी असर है. भारत में आरबीआई ने ऊंची महंगाई के चलते रेपो रेट में पांचवीं बार इजाफा कर दिया है. दूसरी तरफ चीन में सर्विस-सेक्टर एक्टिविटी 6 महीने के निचले लेवल पर जा गिरा है. तो यूरोपीय देशों में महंगे एनर्जी प्राइसेज और महंगे कर्ज के चलते आर्थिक विकास दर में बड़ी गिरावट की संभावना है. इन सभी वजहों से कच्चे तेल पर दबाव पर है. मौजूदा वर्ष में रूस-यूक्रेन के युद्ध ( Russia-Ukraine War) के चलते कच्चा तेल 139 डॉलर प्रति बैरल के लेवल तक जा पहुंचा था. यानि अपने हाई से 61 डॉलर प्रति बैरल दामों में कमी आ चुकी है.
वित्तीय घाटे को कम करने में मिलेगी मदद
कच्चे तेल में गिरावट भारत के लिए शुभ संकेत है. क्योंकि भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. कच्चे तेल के दामों में गिरावट से जहां महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी. वहीं केंद्र सरकार को अपने वित्तीय घाटे को कम में मदद मिलेगी. इससे विदेशी मुद्रा कोष में गिरावट को भी रोका जा सकेगा.
पेट्रोल डीजल में दामों में आ सकती है कमी
कच्चे तेल के दामों में गिरावट का बड़ा उपभोक्ताओं को मिल सकता है. पेट्रोल डीजल के दामों में आने वाले दिनों में सरकारी तेल कंपनियां कमी कर सकती हैं. डीजल के दाम घटे तो माल ढुलाई सस्ती होगी जिसके चलते कई वस्तुओं के दामों पर असर देखा जा सकता है.
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