Petrol Diesel Price Hike Likely: पेट्रोल डीजल के दामों में भारी उछाल की आशंका है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 7 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. कच्चे तेल के दाम 88 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 88.14 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. 


100 डॉलर पार जाएगा कच्चा तेल
कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. नए वर्ष 2022 में कच्चे तेल के दामों में 10 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते चार हफ्ते से लागार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. जानकारों की मानें तो कोविड महामारी के असर घटने के बाद मांग में तेजी के चलते कच्चे तेल की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है. कुछ जानकार तो जून तक कच्चे तेल की कीमतों के 100 डॉलर प्रति बैरल पार जाने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. 


तेल पर फिसला कच्चा तेल 
एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 88 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर कारोबार कर रहा है. यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 29 फीसदी की तेजी आ चुकी है. यानि सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी रही है. हालांकि हैरानी की बात ये है कि इन कंपनियों ने डेढ़ महीनों में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है. सवाल उठता है कि क्या पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते सरकार के दवाब की वजह से सरकारी तेल कंपनियों कच्चे तेल के दामों में करीब 30 फीसदी उछाल आने के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ा रही हैं. जबकि तेल कंपनियां जनवरी 2022 में हवाई ईंधन के दामों में दो बार बढ़ोतरी कर चुकी है. 


कितना महंगा होगा पेट्रोल डीजल 
अब आपको बताते हैं कैसे महंगा कच्चा तेल सरकारी तेल कंपनियों के खजाने पर असर डाल रहा है. कच्चे तेल के दामों में हर एक डॉलर की बढ़ोतरी होने पर सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 40 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ाती हैं. एक दिसंबर 2021 को 68 डॉलर प्रति बैरल के न्यूनत्तम तक छूने के बाद से कच्चा तेल अब 88 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुका है. यानि 20 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल पिछले 50 दिनों में महंगा हो चुका है. 5 डॉलर तक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद 2 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा होता है. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर में आई कमजोरी को भी जोड़ ले तो इस हिसाब से सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दामों को 5 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम दाम बढ़ाने होंगे. लेकिन चुनावों के कारण उनके हाथ बंधे हैं. 


पेट्रोल डीजल के दामों में बदलाव नहीं
सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में 4 नवंबर 2021 के बाद से कोई बदलाव नहीं किया है. सरकारी तेल कंपनियां अब हर रोज पेट्रोल डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं लेकिन राजनैतिक कारणों और सरकार के दवाब के चलते अब वे ऐसा नहीं कर पा रही हैं. भले ही पेट्रोल डीजल के दामों को तय करने का अधिकार सरकारी तेल कंपनियों के दे दिया गया हो लेकिन वे कभी भी सरकारी दखल से बाहर नहीं निकल पाई है. यानि साफ है 10 मार्च 2022 को जैसे ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आय जायेंगे आम लोगों पर महंगे पेट्रोल डीजल की मार फिर से पड़ने लगेगी. 


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