Explainer: क्या विधानसभा चुनाव की वजह से नहीं बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दाम?
Crude Price Hike: सरकार ने संसद को बताया कि 1 दिसंबर 2021 से भारत को 18 डॉलर ज्यादा देकर कच्चा तेल खरीदना पड़ रहा है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल 28.73% डीजल 32.77% महंगा हो चुका है.
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Petrol Diesel Price Update: देश की जनता को पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों का शुक्रगुजार होना चाहिए वर्ना अपनी गाड़ी में पेट्रोल डीजल में डलवाने में आपकी जेब कट जाती. क्या आप जानते हैं अगर विधानसभा चुनाव नहीं होते तो मौजूदा कीमतों के मुकाबले पेट्रोल डीजल के लिए आपको भारी कीमत चुकानी पड़ती. एक दिसंबर 2021 से लेकर 31 जनवरी 2022 को बीच कच्चा तेल 18.09 डॉलर प्रति बैरल यानि 25.36 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है. इस दौरान जिस बेंचमार्क को आधार मानते हुए देश में सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दाम निर्धारित करती हैं उसके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल 28.73 फीसदी तो डीजल 32.77 फीसदी महंगा हो चुका है. पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा संसद में ये जानकारी दी गई है.
2 महीने में 18 डॉलर महंगा हुआ कच्चा तेल
राज्यसभा में पूछे गए सवाल में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सदन को बताया कि दो महीने में 18 डॉलर ज्यादा देकर सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदना पड़ रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल की कीमतें 1 दिसंबर 2021 को 79.55 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 102.40 डॉलर प्रति बैरल हो चुका है. तो इंटरनेशनल मार्केट में डीजल की कीमतें इसी दौरान 78.48 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 104.62 डॉलर प्रति बैरल हो चुका है. आपको बता दें इसी इंटरनेशनल बेंचमार्क को आधार मानते हुए सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दाम तय करती है.
दो महीने में 28% पेट्रोल तो 32% डीजल महंगा!
अब आपको बताते हैं आपकी जेब पर कितना भार पड़ता. एक बैरल का मतलब होता 159 लीटर. आज की तारीख में सरकारी तेल कंपनियों को 48.30 प्रति लीटर में पेट्रोल खरीदना पड़ रहा है जो 1 दिसंबर को 37.52 रु प्रति लीटर में मिल रहा था. यानि सरकारी तेल कंपनियों को अब पेट्रोल 28.73 फीसदी महंगे दाम पर खऱीदना पड़ रहा है. इसी प्रकार डीजल खरीदने के लिए अब 49.34 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है जिसे एक दिसंबर 2021 को खरीदने पर 37.16 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा था. यानि डीजल खरीदने पर 32.77 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है. बावजूद इसके हैरानी कि बात ये है कि सरकारी तेल कंपनियों ने इस दौरान एक पैसे भी पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ाये.
कच्चे तेल के दामों में बड़ी उछाल
आपको बता दें राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने सरकार पूछा था कि जिसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी उठापटक देखने को मिला है. तेल उत्पादक ओपेक देशों द्वारा उम्मीद से कम प्रोडेक्शन किए जाने के चलते दामों में ये उछाल आई है. वहीं कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर के देशों में रिकवरी से चलते मांग बढ़ी है. उऩ्होंने बताया कि देश में पर्याप्त रिफाइनिंग क्षमता है और देश आयातित पेट्रोल डीजल पर निर्भर नहीं है.
चार मेट्रो में पेट्रोल डीजल के दाम
आज की तारीख में दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 86.67 रुपये चुकाना पड़ रहा है. मुंबई वासियों को पेट्रोल के लिए 109.98 रुपये तो डीजल के लिए 94.14 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है. चेन्नई में पेट्रोल के लिए 101.40 रुपये प्रति लीटर तो डीजल के लिए 91.43 रुपये में मिल रहा है. कोलकाता वासियों को पेट्रोल के लिए 104.67 रुपये को डीजल के लिए 89.78 रुपये प्रति लीटर देना पड़ रहा है. ये तो आज के दाम है जरा सोचिए चुनाव के खत्म होने के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने अपने नुकसान कई भरपाई के लिए पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना शुरू किया तो देश में महंगाई का क्या आलम होगा.
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