Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टो को तेजी से अपना रहे लोग, सख्ती के बावजूद ट्रेंड में डिजिटल करेंसी
Cryptocurrency: भारत में डिजिटल लेनदेन के लिए क्रिप्टो करेंसी को तेजी से अपनाया जाने लगा है. इससे होने वाली आय पर सरकार ने टैक्स लगा रखा है. इसके बावजूद बाजार में इसकी गतिविधियां अधिक है.
Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बड़ी ही तेजी से अपनाया जा रहा है. इस दौड़ में अब बड़े महानगरों के साथ छोटे कस्बे भी शामिल हो गए हैं. कॉइनस्विच की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि गुजरात के बोटाड व असम के बारबका से लेकर जालंधर, कांचीपुरम, पटना समेत भारत के कई अन्य कस्बों में भी अधिकतर 35 वर्ष या उससे कम उम्र के लोगों के बीच क्रिप्टो को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. खासकर डिजिटल परिसंपत्तियों के लेनदेन में इसका इस्तेमाल अधिक होने लगा है.
भारत में क्रिप्टो करेंसी को अपनाने में तेजी
कॉइनस्विच इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट बालाजी श्रीहरि ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ''क्रिप्टो करेंसी का उपयोग पहले केवल महानगरों तक ही सीमित था, लेकिन अब देश के कई छोटे-बड़े कस्बों में भी लोग इन्हें अपनाने लगे हैं. इससे पता चलता है कि लोग इन्हें तेजी से अपना रहे हैं.'' उन्होंने आगे कहा, ''भारत में दो करोड़ से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हैं. इनमें से अधिकांश 35 साल से कम उम्र के हैं. डिजिटल एसेट्स को खरीदने में अब निवेशक मीम कॉइन से लेकर लेयर-1 (बिटकॉइन और एथेरियम) और डेफी टोकन जैसे डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करने लगे हैं.''
सरकार की सख्ती के बावजूद लोग दिखा रहे क्रिप्टो में रुचि
स्थानीय निवेशक मीम कॉइन को खरीदने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं. इनमें SHIB सबसे अधिक ट्रेंड करने वाली करेंसी बन गई है. हालांकि, भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर सख्ती भी बरती जा रही है, जैसे कि इसके इस्तेमाल पर टैक्स लगाया जा रहा है.
बावजूद इसके क्रिप्टो एक्सचेंज में भारतीयों की होड़ लगी हुई है. मौजूदा समय में क्रिप्टो से होने वाले लेन-देन से जो भी आय हो रहा है उस पर सरकार ने 30 फीसदी तक टैक्स लगा रखा है, जबकि सालाना 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर 1 फीसदी TDS लगता है. क्रिप्टो की गतिविधियां कम करने के लिए लगातार विचार-विमर्श भी चल रहा है.
क्रिप्टो समर्थक डोनाल्ड ट्रंप
हाल ही में दुनिया भर में क्रिप्टो के चाहने वालों को तब बढ़ावा मिला, जब खुद इसके समर्थक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए. पद संभालने के तुरंत बाद ही ट्रंप ने वित्तीय बाजार नियामक SEC को संभालने की जिम्मेदारी भी क्रिप्टो समर्थक पॉल एक्टिंस को दे दी. इसके बाद से अमेरिका में क्रिप्टो के इस्तेमाल में और तेजी आने लगी है.
साल 2024 में अब तक बिटकॉइन पर निवेश से 144 फीसदी तक का बेमिसाल रिटर्न मिला है. कॉइनस्विच के को-फाउंडर आशीष सिंघल ने भी टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में कहा कि वर्तमान समय में बाजार पूंजीकरण के मामले में इसे चांदी से बड़ा और सोने का लगभग दसवां हिस्सा माना जाने लगा है. उन्होंने ये भी कहा, "बिटकॉइन को ट्रंप का समर्थन क्रिप्टो सेक्टर का सकारात्मक विकास है."
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