Cryptocurrency Fraud: हिमाचल प्रदेश से क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है जिसमें अभी तक 200 करोड़ रुपये की ठगी के बारे में पता चला है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और हमीरपुर में जालसाजों ने 2018 से शुरू करने के बाद पांच साल की अवधि में हजारों निवेशकों को 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी चेन का इस्तेमाल किया.


क्या है पूरा मामला


इन फ्रॉडस्टर्स ने निवेशकों से क्रिप्टो अकाउंट खुलवाए और इतना ही नहीं, पोंजी स्कीम्स तक में इंवेस्टमेंट करा डाला और निवेशकों के साथ फर्जीवाड़ा किया. दरअसल साल 2018 से लेकर 5 सालों तक इन जालसाजों ने केआरओ और डीजीटी नाम से 2 क्रिप्टोकॉइन स्कीम चलाईं और लोगों को कम समय में भारी रिटर्न का वादा दिखाकर उनसे अकाउंट एक्टिवेशन के नाम पर पैसे वसूले. 


मामले का मास्टरमाइंड अभी तक गिरफ्त से बाहर


इसके अलावा ये भी जानकारी मिली है कि पोंजी स्कीम्स की तर्ज पर ही मौजूदा इंवेस्टर्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर और फायदे का लालच देकर बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया. ये मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी उठाया जा चुका है और निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने इस मामले को सामने रखा है. अभी तक मिले अपडेट के मुताबिक इस क्रिप्टो नेक्सस के मास्टरमाइंड की तलाश अभी जारी है जबकि इससे जुड़े 5 लोग अभी तक गिरफ्तार हो चुके हैं.


2000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है मामला !


विधायक होशियार सिंह के विधानसभा में मामला उठाने के बाद इस विषय में एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित की जा चुकी है. पुलिस और एसआईटी का अनुमान है कि इस मामले का विस्तार काफी बड़ा हो सकता है और कुल ठगी की रकम 2000 करोड़ रुपये के भी पार जा सकती है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है और जिनके साथ फ्रॉड हुआ है उनसे आगे आने के लिए कहा जा रहा है जिससे वास्तिवक धोखाधड़ी की रकम का पता लगाया जा सके.


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