RBI on Cryptocurrency: आरबीआई (Reserve Bank Of India) गर्वनर शक्तिकांत दास ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आगाह किया है. आरबीआई गर्वनर ( RBI Governor) ने आरबीआई की फाइनैंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में लिखा है क्रिप्टोकरेंसी देश के फाइनैंशियल सिस्टम के लिए बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी से वित्तीय क्षेत्र और उसके फायदे को लोगों तक पहुंचाने में मदद की है और इसके लाभों का पूरी तरह से उपयोग किया जाना चाहिए, पर वित्तीय स्थिरता को बाधित करने की इसकी क्षमता से बचाव किया जाना चाहिए. जैसे-जैसे वित्तीय प्रणाली तेजी से डिजिटल होती जा रही है, साइबर जोखिम बढ़ रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई का रुख अलग
आपको बता दें ये पहला मौका नहीं है जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई गर्वनर का ये बयान आया है. उन्होंने पहले भी कई मौकों पर ये बयान दिया है. एक तरफ आरबीआई क्रिप्टो को खतरनाक बता रहे हैं दूसरी तरफ सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगा चुकी है भले ही उसे वैधानिक दर्जा ना दिया हो. और एक जुलाई 2022 से जो क्रिप्टो के लेनदेन पर टीडीएस का प्रावधान भी लागू हो गया है.
वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) से जुड़ी संसदीय समिति ( Parliamentry Standing Committee) के सामने भी आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था ( INdian Economy) के बड़े भाग का डॉलरीकरण ( Dollarisation) का खतरा जता चुका है जो भारत के संप्रभुता के हितों के खिलाफ है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसदीय समिटी के सामने आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि ये घरेलू के साथ क्रॉस बार्डर ट्रांजैक्शन में रुपये की जगह ले सकता है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल टेरर फाइनैंसिंग के साथ मनी लॉंड्रिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग के लिए भी किया जा सकता है.
निवेशकों की संख्या के साथ छेड़छाड़
आरबीआई गर्वनर पहले भी कह चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों (Investors) की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताने की कोशिश की जा रही है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने के लिये जोड़ा (Enroll) किया जा रहा है.
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